bell-icon-header
भोपाल

हर साल 12 हजार लोगों को काट रहे कुत्ते, एंटी रैबीज वैक्सीन वायल की खपत बढ़ी, क्या है बीमारी और लक्षण

एमपी की राजधानी भोपाल में बढ़े Dog Bite Case, संक्रमित जानवर की लार में रहता है खतरनाक वायरस, जानें रेबीज कितनी खतरनाक बीमारी

भोपालSep 28, 2024 / 04:18 pm

Sanjana Kumar

World Rabies Day 2024: राजधानी में हर साल 12 हजार से ज्यादा लोग डॉग बाइट के शिकार हो रहे हैं। इस साल अब तक रेबीज का एक मामला हमीदिया और दो एम्स में दर्ज हुए हैं। यह वह संख्या है जो सरकारी रेकॉड में दर्ज हुई। राजधानी के लोगों में डॉग बाइटिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण साइनोफोबिया का डर बढ़ रहा है। इसी के साथ शहर में एंटी रैबीज वैक्सीन वायल की खपत भी बढ़ी है।

कुत्तों के प्रति नकारात्मक अनुभव

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. राहुल शर्मा के अनुसार लोगों में साइनोफोबिया के लक्षण देखे जा रहे हैं। इसकी शुरुआत कुत्ते के साथ नकारात्मक अनुभव के कारण होती है। हालांकि इनमें कइयों को कभी कुत्ते ने काटा नहीं होता। मगर उनके अंदर एक अजीब सा डर बना रहता है।

लक्षण

इसके वायरस शरीर में 1 से 3 महीने तक निष्क्रिय रह सकता है। इसका पहला संकेत बुखार का आना, घबराहट, पानी निगलने में दिक्कत, तेज सिरदर्द, घबराहट, बुरे सपने आना और अत्यधिक लार आना है।

कब कितनी खपत

साल 2020 से 21 में 5 हजार 523 एंटी रैबीज वैक्सीन वायल की खपत हुई थी। जो साल 2021 से 22 में बढकऱ 7415 और साल 2022 से 23 में 10446 हो गई। इसके अलावा साल 2020 से 21 में केवल 5 वायल रैबीज इ्युनॉग्लोब्युलिन की खपत हुई थी। जो 2021 से 22 में बढकऱ 51 और साल 2023 से 24 में 65 वायल तक पहुंच गई है।
बच्चों को ट्रेनिंग जरूरी राज्य पशु चिकित्सालय के संयुक्त संचालक डॉ. अजय रामटेके के अनुसार जानवरों के हमलों और कुत्तों के काटने से बचने के लिए स्कूली बच्चों को सबसे पहले ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

डेढ़ लाख आवारा कुत्ते

शहर में डेढ़ लाख आवारा कुत्ते हैं। आक्रामक होने पर यह बच्चों और बुजुर्गों पर हमला करते हैं।

bhopal news

Bhopal
जबकि सितंबर के इस महीने में अब तक 257 केस डॉग बाइट के सामने आ चुके हैं।

ये भी पढ़ें:

Tiger Reserve: वाइल्ड लाइफ लवर्स के लिए खुशखबरी, टाइगर स्टेट MP में अब 7 नहीं 9 टाइगर रिजर्व

संबंधित विषय:

Hindi News / Bhopal / हर साल 12 हजार लोगों को काट रहे कुत्ते, एंटी रैबीज वैक्सीन वायल की खपत बढ़ी, क्या है बीमारी और लक्षण

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.