स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ जोधपुर और टोबेको रिसर्च एंड इवोल्यूशन ई-ह्रश्वलेटफॉर्म की रिपोर्ट में 6 माह के मेटा एनालिसिस के बाद पता चला है कि भारत में साढ़े 13 लाख लोग जान गवा देते हैं। इनमें बीड़ी पीकर 5.55 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा 32,947 है। देश में बीड़ी पीने से सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में सालाना 1,03,529 हो रहीं हैं। देश के दस राज्यों में मध्य प्रदेश का आठवां स्थान है। मरने वाले मुंह के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, दिल की बीमारी, टीबी, अस्थमा से ग्रसित रहते हैं। ए्स जोधपुर की यह रिपोर्ट देश के 28 प्रदेशों में हुई मौत के आंकड़े, ग्लोबल हेल्थ टोबेको सर्वे की रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट का मेटा एनालिसिस है। ये रिपोर्ट, तमाम सुझावों के साथ राज्य सरकारों को सौंपी गई है।
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क्या है इस साल की थीम ?
इसके अलावा, डब्ल्यूएचओ की साउथ ईस्ट एशिया की रीजनल डायरेक्टर साइमा वाजेद का इस संबंध में कहना है कि इस साल की थीम बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है। पीएसआरआई इंस्टिट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. जीसी खिलनानी के अनुसार, इस साल की थीम बच्चों को तंबाकू की आदत से बचाना है। ये वास्तव में जरूरी है, क्योंकि 10 में से 9 स्मोकिंग करने वाले 18 साल की उम्र से पहले ही अपनी पहली सिगरेट पी चुके होते हैं। जब तक वे इसके साइड इफेक्ट को समझ पाते हैं, तब तक वो स्मोकिंग के आदी हो चुके होते हैं। यह भी पढ़ें- World No Tobacco Day 2024 : गुटखा बांट रहा कैंसर, हर साल सामने आ रहे हजारों मरीज, चौंका देगी ये रिपोर्ट
तंबाकू होता है कैंसर का कारक
राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट और रिसर्च सेंटर के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. उल्लास बत्रा ने कहा कि तंबाकू किसी भी रूप में कैंसर का कारक हो सकता है, जिसमें मुंह, गले और फेफड़ों के साथ-साथ पेट, पैंक्रियाज, किडनी और यूरिनरी ब्लैडर जैसे अंग शामिल हैं। तंबाकू चबाने से सिर और गर्दन खासकर मुंह का कैंसर हो सकता है, जबकि स्मोकिंग से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक पल्मोनोलॉजिस्ट के रूप में मैं अपने मरीजों में तंबाकू और स्मोकिंग की सभी बीमारियों या दिक्कतों को देखता हूं। फिर भी लोग तंबाकू नहीं छोड़ पाते हैं। इसलिए, युवा और स्कूली बच्चों पर फोकस करना जरूरी है। उन्हें जागरूक करना जरूरी है। तंबाकू के खिलाफ विज्ञापनों के बावजूद इसमें कोई बड़ी कमी नहीं आ रही है। हम अपने बच्चों को तंबाकू का सेवन शुरू करने से रोकें। इसका एकमात्र उपाय है कि फर्स्ट सिगरेट (या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट) के सेवन को रोका जाए। यह भी पढ़ें- Bhojshala ASI Survey: खुदाई में निकले खास बनावट के स्तंभों के 3 टुकड़े, हैदराबाद की टीम लेने वाली है बड़ा फैसला