भोपाल

गिर से बब्बर शेर लाने की रणनीति तैयार करेगा वाइल्ड लाइफ बोर्ड

– रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने की रिपोर्ट पर हो सकती है चर्चा – कमलनाथ सरकार में राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड की पहली बैठक 11 को

भोपालOct 11, 2019 / 10:02 am

Ashok gautam

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में गठित राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड की पहली बैठक 11 अक्टूबर को मंत्रालय में होने जा रही है। इस बैठक में रातापानी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के संबंध में सरकार को सौंपी गई टेनिक्नकल कमेटी की रिपोर्ट और गुजरात के गिर से एशियाटिक लॉयन (बब्बर शेर) लाने का मुद्दा उठ सकता है।
हालांकि इन दोनों बिंदु बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन वाइल्ड लाइफ विंग के अधिकारी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होने पर जानकारी तैयार कर रहे हैं। वनमंत्री उमंग सिंघार पहले भी कई बार गिर के शेर कूनो पालपुर में लाने की बात कह चुके हैं।
वाइल्ड लाइफ विंग के अधिकारी शेरों को लाने के लिए 27 साल से किए जा रहे प्रयासों को सिलसिलेवार मुख्यमंत्री को बताएंगे।
शेर लाने के किए केन्द्र और गुजरात सरकार से किए अभी तक के पत्राचारों और शेरों के लिए तैयार किए गए कुनो पालपुर पार्क के संबंधों की जानकारी देंगे।

इसमें इस बात का भी उल्लेख किया जाएगा कि शेरों को यहां लाने के लिए कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है। बैठक में यह रणनीति बन सकती है कि प्रदेश सरकार गुजरात से शेर लाने के लिए केन्द्र के पास जाए या सुप्रीम कोर्ट।

बैठक में प्रदेश के 526 बाघों के लिए तैयार किए गए मैनेजमेंट प्लान को भी बोर्ड के सामने रखा जाएगा। इस दौरान बोर्ड के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों को भी प्लान में शामिल किया जाएगा।
एजेंडे में चम्बल नदी पर दो पुलों के निर्माण तथा धार और सिंगरौली में हाईटेंशन बिजली लाइन बिछाने को शामिल किया गया है इसके अलावा बैठक में संरक्षित क्षेत्रों से पाइप लाइन, सड़क पुनर्निर्माण, संरक्षित क्षेत्रों के नजदीक खदानों की स्वीकृत सहित अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा होनी है।
दूसरे राज्यों से आए हाथियों पर होगा फैसला-
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की ओर से बालाघाट के जंगलों से होते हुए ४५ जंगली हाथी बांधवगढ़ नेशनल पार्क में आ गए हैं। इन जंगली हाथियों से हो रही समस्यों पर भी वाइल्ड लाफ बोर्ड की बैठक में चर्चा होगी।
जंगली हाथियों के संबंध में बोर्ड से इस विषय पर भी सहमति ली जाएगी कि इन हाथियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए या उन्हें यहीं रखने के लिए कोई कार्ययोजना तैयार की जाए।
बोर्ड अगर इन हाथियों को राज्य की सीमा से बाहर हॉकने की अनुमति नहीं देता है, तो उनके रहवास-विकास के लिए केन्द्र सरकार से विशेष पैकेज लेने के प्रस्तावों पर बोर्ड से चर्चा की जाएगी। प्रदेश का नाम केंद्र द्वारा संचालित एलीफेंट प्रोजेक्ट में शामिल कराने पर भी विचार किया जाएगा।

ग्वालियर को पानी देने से घडिय़ालों को खतरा-
ग्वालियर शहर को चंबल नदी से पेयजल के लिए क्षमता से ज्यादा पानी दिए जाने से यहां संचालित चंबल घडिय़ाल अभ्यारण्य में घडिय़ालों के असतित्व पर संकट खड़ा हो गया है।
इस मामले में पिछले साल मुरैना के डीएफओ ने वन मुख्यालय को पत्र भी लिखा था। बोर्ड की बैठक में चंबल घडिय़ाल अभयारण्य से ग्वालियर को पानी दिए जाने पर भी चर्चा होना है।

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