किसान सम्मान निधि की राशि DBT ट्रांसफर के जरिए सीधे किसानों के खाते में भेजी जाती है। एमपी में उन किसानों को इसका लाभ दिया जाता है, जिनके पास 2 हेक्टेयर तक जमीन है, जो भारतीय नागरिक है और जिनके नाम पर कृषि भूमि रजिस्टर्ड है। ऐसे करीब 90 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
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प्रदेश के ऐसे किसान जिनके बैंक खातों में DBT का ऑप्शन ऑन नहीं है या बैंक खातों की जानकारी और आधार नंबर गलत हो गया है उनकी किस्त अटक सकती है। जिन किसानों ने अब तक eKYC और भूलेखों का सत्यापन नहीं कराया है और जिनके बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं, उन्हें अगली किस्त का लाभ लेने के लिए तुरंत ये काम करवा लेना चाहिए।
प्रदेश के ऐसे किसान जिनके बैंक खातों में DBT का ऑप्शन ऑन नहीं है या बैंक खातों की जानकारी और आधार नंबर गलत हो गया है उनकी किस्त अटक सकती है। जिन किसानों ने अब तक eKYC और भूलेखों का सत्यापन नहीं कराया है और जिनके बैंक अकाउंट आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं, उन्हें अगली किस्त का लाभ लेने के लिए तुरंत ये काम करवा लेना चाहिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत प्रदेश के किसानों को अब 2-2 हजार रुपए की 18 किस्तें मिल चुकी हैं। अब केंद्र सरकार किसानों को 19वीं किस्त देगी। माना जा रहा है कि सन 2025 के फरवरी माह में ही किसानों को सम्मान निधि के 2 हजार रुपए मिल सकते हैं। दरअसल केंद्र सरकार हर 4 माह में किसानों को किस्त देती है और पिछली किस्त अक्टूबर 2024 में प्राप्त हुई थी। ऐसे में पीएम किसान सम्मान निधि की 19 वीं किस्त किसानों को फरवरी 2025 में ही मिल जाने की संभावना है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 2019 में यह योजना लागू की थी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देशभर के साथ मध्यप्रदेश के भी पंजीकृत किसानों को हर चार माह में 2 हजार यानि एक साल में 6 हजार रुपए दिए जाते हैं। केंद्र सरकार ने इससे पहले अक्टूबर 2024 में किसान सम्मान निधि की 18 वीं किस्त जारी की थी।
अटक सकती है राशि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत किसानों को कुछ दस्तावेज अपडेट कराने होते हैं। ऐसा नहीं करने पर सम्मान निधि की राशि अटक सकती है। योजना का लाभ लेने के लिए ई-केवायसी और भू-सत्यापन जरुरी है। 31 दिसंबर से पहले किसानों को अपने दस्तावेज अपडेट करा लेने चाहिए।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए पंजीकृत किसानों को कुछ दस्तावेज अपडेट कराने होते हैं। ऐसा नहीं करने पर सम्मान निधि की राशि अटक सकती है। योजना का लाभ लेने के लिए ई-केवायसी और भू-सत्यापन जरुरी है। 31 दिसंबर से पहले किसानों को अपने दस्तावेज अपडेट करा लेने चाहिए।