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भोपाल

World Milk Day: किसका दूध सबसे बेहतर गाय का या भैंस का, खबर पढ़कर जानें कौन सा दूध पीना चाहिए?

World Milk Day आज, अगर आपके मन में भी यही सवाल आता है तो ये खबर जरूर पढ़ें, इसे पढ़कर आपका कन्फ्यूजन बिल्कुल दूर हो जाएगा, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

भोपालJun 01, 2024 / 01:36 pm

Sanjana Kumar

Milk benefits
World Milk Day 2024: राजधानीवासियों में दूध की खपत पिछले पांच साल में बढ़ी है। लेकिन, उनकी पहली पसंद खुला दूध नहीं बल्कि पैक्ड मिल्क है। राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में हर दिन करीब आठ लाख लीटर दूध की खपत है। हालांकि, खुले दूध की भी बिक्री कम नहीं है। होटल, रेस्त्रां और चाय-ठेलों वालों के यहां दूधियों के दूध की खपत ज्यादा है। पैक्ड दूध और खुला दूध की बिक्री का रेश्यो 70-30 है। यानी 70 फीसदी लोगों की पसंद पैक्ड तो 30 फीसदी की पसंद दूधिए का दूध है।

दूध की आवक

राजधानी में लगे दुग्ध प्लांट दूध का कलेक्शन ग्रामीण क्षेत्रों से करते हैं। बड़े डेयरी वाले भी सीहोर, आष्टा, नरसिंहगढ़, मुलताई, बैरसिया, विदिशा, रायसेन आदि जिलों से दूध मंगवाते हैं।

दूध उत्पाद की विक्रय की स्थिति

  • 60 क्विंटल मावा सामान्य दिनों में
  • 2.65 लाख पशु रिकॉर्ड में
  • 1511 आउटलेट से दुग्ध का विक्रय
  • 90 फीसदी भैंस दूध की बिक्री। वजह फैट की मात्रा ज्यादा
  • गाय का दूध पैकेट में बिक रहा
  • दुग्ध संघ ने गाय के दूध का 500 ग्राम का पैकेट लांच किया है।

फैट (FAT)

  • गाय के 100 एमएल दूध में 4.4 ग्राम फैट होती है, एवरेज 3.5 प्रतिशत
  • भैंस के दूध में 100 एमएल दूध में 6.6 ग्राम फैट होती है, एवरेज 7 प्रतिशत

सॉलिड नोट फैट (SNF)


गाय के दूध में एसएनएफ 8.5 प्रतिशत होती है और भैंस के दूध में 9 प्रतिशत

कार्बोहाइड्रेट

गाय के दूध में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा 100 एमएल दूध में 4.9 मिलीग्राम होती है। तो भैंस के दूध में 100 एमएल दूध में 8.3 ग्राम।

कैल्शियम

गाय के 100 एमएल दूध में 118 एमजी कैल्शियम होता है। वहीं भैंस के 100 एमएल दूध में 121 एमएल कैल्शियम होता है।

लैक्टोज

गाय के 100 एमएल दूध में लैक्टोज की मात्रा 4.28 ग्राम होती है। वहीं भैंस के 100 एमएल दूध में 4.12 ग्राम लैक्टोज होता है।

प्रोटीन


गाय के 100 एमएल दूध में 3.2 ग्राम, तो भैंस के दूध में 3.6 ग्राम प्रोटीन होता है।

भैंस के एक कप दूध में 237 कैलोरी

भैंस के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा अधिक

गाय के एक कप दूध में 148 कैलोरी

गाय के दूध में विटामिन अधिक होते हैं। दूध में कैसिन एवं केरोटिन प्रोटीन पाई जाती है।

गाय और भैंस के दूध में फर्क को ऐसे समझें

  • गाय के दूध में फैट कम होती है और यह पचने में आसान होता है। जबकि भैंस का दूध मलाईदार और गाढ़ा होता है, इसलिए इसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है।
  • गाय के दूध में भैंस के दूध की तुलना में पानी की मात्रा ज्यादा होती है।
  • भैस के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, तो वहीं गाय के दूध में विटामिन की मात्रा अधिक होती है।
  • गाय के दूध का रंग हल्का पीला होता है और भैंस के दूध का रंग सफेद होता है।
milk benefits

जानें दूध पीने के फायदे

  • दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है।
  • यह बड़े, बच्चे, बुजुर्ग सभी के लिए फायदेमंद होता है।
  • दूध एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है।
  • इसमें प्रोटीन, कैल्शियम जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं।
  • इसे पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
  • इसके अलावा दातों और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है।
  • दूध पीने से दिल भी दुरुस्त रहता है।

सेहत के लिए कौन है ज्यादा बेहतर?

  • हालांकि गाय और भैंस दोनों के दूध को सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। ये आप पर डिपेंड करता है कि आप कौन-सा दूध पीना चाहते हैं।
  • हां अगर आप अक्सर पाचन से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं, तो आपके लिए गाय का दूध बेहतर हो सकता है। अच्छी सेहत के लिए आप रोजाना पर्याप्त मात्रा में दूध पिएं।
  • अगर आप रात को चैन की नींद सोना चाहते हैं, तो रोजाना सोने से पहले एक गिलास भैंस का दूध पी सकते हैं। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।
  • अक्सर लोग दही, खीर, खोया, मलाई, कुल्फी और घी बनाने के लिए भैंस के दूध का इस्तेमाल करते हैं।
  • गाय का दूध बच्चों, बुजुर्गों के लिए ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
  • भैंस का दूध फैटी होता है गाय के दूध की अपेक्षा ऊर्जा देने में ज्यादा कारगर होता है। इसलिए यह वयस्कों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

छाछ, मठा-लस्सी और श्रीखंड की डिमांड

गर्मियों में दूध की मांग थोड़ी बढ़ी है, लेकिन छाछ, मठा, श्रीखंड, लस्सी, आम्र खंड की मांग 15 फीसदी तक बढ़ी है।

त्योहारों पर बढ़ जाती है मांग

दूध की खरीदी पूरे साल होती है। इसलिए मांग में ज्यादा वेरिएशन नहीं होता। त्योहारों पर दुग्ध उत्पादों में 10 से 15 फीसदी तक मांग बढ़ती है।

आरपी सिंह, सीइओ भोपाल दुग्ध संघ

दुग्ध उत्पाद में मिलावट भी कम नहीं

जितनी ज्यादा दूध और मिल्क प्रोडक्ट की डिमांड है। उतनी ही ज्यादा इसमें मिलावट भी है। दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट फैट से जुड़ी होती है। पनीर को लो-फैट करके बेचा जाता है तो मावे में ऑयल का फैट मिलाया जाता है। एक साल में खाद्य विभाग ने दूध व दुग्ध उत्पादों के 250 नमूने लिए। जांच में इनमें से 66 नमूने फेल हुए। अमूमन दूध में सामान्य तौर पर 30 प्रतिशत से ज्यादा फैट होता है। पनीर बनाते समय दूध के इस फैट को 15 से 20 फीसदी कर अतिरिक्त पनीर या घी बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। मावे को अतिरिक्त फैट चाहिए, इसलिए इसमें सोया ऑयल या फिर पॉम ऑयल की मिलावट की जाती है।

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