भोपाल. आमतौर पर सब यही मानते हैं कि मप्र में या तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एकछत्र राज है या फिर नौकरशाहों का। ज्यादातर मंत्री भी अफसरों के आगे लाचार नजर आते हैं लेकिन, इसके उलट एक शख्सियत ऐसी भी है, जिसके सामने जाने के ख्याल से ही अफसरों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाती है। ये हैं मप्र की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया। ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली यशोधरा से सिर्फ अफसर ही नहीं बल्कि उनकी पार्टी के बड़े नेता भी खौफ खाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि नवंबर 2006 में मप्र सरकार ने बाकायदा गजट नोटिफिकेशन कर उनके लिए सभी सरकारी दस्तावेजों में श्रीमंत शब्द इस्तेमाल करने का आदेश दिया था। हालांकि विवाद बढऩे पर इसे वापस ले लिया गया। यशोधरा के पास खेल और युवा मामलों का भी मंत्रालय है। आगे और जानिए यशोधरा से जुड़े कुछ चर्चित मामले प्रभात झा को दी थी खुली चुनौती प्रभात झा जब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे तो 2012 के आखिर में उन्होंने शिवपुरी में सिंधिया घराने द्वारा 600 बीघा सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगाया था। झा ने इस मामले में एफआईआर कराने की भी बात कही थी। तब यशोधरा ने खुले तौर पर विरोध करते इसे राजमाता का अपमान बताया था और कहा था कि झा को किसी ने गलत जानकारी दे दी है। पूरा शिवपुरी ही सिंधिया घराने ने बसाया है। इसके बाद झा को पीछे हटना पड़ा और उनकी काफी किरकिरी हुई थी। सानिया को बुलाने से कर दिया था इनकारमप्र सरकार ने दिसंबर 2015 में हुए विक्रम अवार्ड समारोह में टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा को बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया था लेकिन सानिया ने एक वक्त पर चार्टर्ड प्लेन और 75000 हजार रुपए की मेकअप किट की मांग रख दी। यशोधरा ने उनकी मांग पूरी करने की बजाय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को चीफ गेस्ट बना लिया। स्वयं यशोधरा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका खुलासा किया था। इसके बाद सानिया को सफाई देनी पड़ी थी। प्रदेश को स्वर्ग नहीं बना सकतीभोपाल में मेक इन इंडिया की लॉन्चिंग के मौके पर सिंधिया ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि वे प्रदेश को स्वर्ग नहीं बना सकतीं। उद्योग मंत्री के बोल से कार्यक्रम में मौजूद उद्योग महकमे और सरकार के अफसर सन्न रह गए थे। सिंधिया यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा, ‘धूल और आबादी खास समस्या है। यदि आबादी पर नियंत्रण कर लिया जाता तो हम अब तक बहुत ज्यादा तरक्की कर चुके होते।Ó उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया की बात करते है, वैसे ही मुख्यमंत्री मेक-इन-एमपी की बात करते हैं। बच्चे हो, घुड़सवारी नहीं कर पाओगेमार्च 2016 विधानसभा बजट सत्र में विधायक जीतू पटवारी ने खेल विभाग की घुड़सवारी अकादमी में विदेशों से घोड़े खरीदे जाने पर बहस शुरू की। इस पर उद्योग मंत्री ने कहा कि अभी तुम बच्चे हो, मैंने घुड़सवारी में अपनी हड्डियां तक तुड़वाई है, इसलिए पहले अध्ययन करो।