राजधानी में 800 से अधिक कोचिंग सेंटरों में तीन लाख से अधिक स्टूडेंट पढ़ते हैं। इनमें से 40 फीसदी संस्थान ऐसे हैं जहां स्कूल की ही तरह चार-चार घंटे कक्षाएं लगाई जाती हैं। अब क्या बदलेगा
● आईआईटी-जेईई, नीट, एमबीबीएस कोर्स में सुरक्षा संबंधी एनओसी अनिवार्य ● छात्रों की परेशानी दूर करने मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता मिलेगी ● संस्थान रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं देंगे ● 50 + छात्रों को ट्यूशन, निर्देश या मार्गदर्शन को कोचिंग कहा जाएगा
● परामर्श, खेल-नृत्य, थिएटर, गतिविधियां दायरे से बाहर