मौसम का मिजाज अलग
इस साल ठंड के बाद गर्मी के मिजाज भी कुछ अलग तरह के नजर आ रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मानसून भी चौंकाने वाला ही होगा। गर्मी का सीजन मार्च में शुरू हुआ, लेकिन पारा सामान्य से आगे नहीं खसका। अप्रेल में यह चक्रवाती हवा के फेर में फंस गया। मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि इस बार मौसम का मिजाज अलग बन रहा है। गर्मी तो पड़ेगी ही, लेकिन जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं वह मालवा-निमाड़ में बारिश की झड़ी और बाढ़ की संभावना कम लग रही है। क्योंकि मानसूनी परिस्थितियों में बदलाव देखने को मिला है।
विभाग के मुताबिक हिमालय क्षेत्र में बर्फबारी भी सामान्य से कम है। यह अच्छा है। अल-नीनो के चांसेज पश्चिम उत्तर-भारत में है। इससे असर हो सकता है। मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल और नर्मदापुरम संभाग में सामान्य से कम बारिश होगी। इंदौर, उज्जैन और नर्मदापुरम में सामान्य से कम बारिश होगी, जबकि ग्वालियर-चंबल में मानसून सामान्य से थोड़ा ही कम रहेगा। सामान्य से कम 94 प्रतिशत तक बारिश का अनुमान है।
एक नजर तापमान पर
प्रदेश के न्यूनतम तापमान की बात करें तो सागर में 25 डिग्री सेल्सियस, नर्मदापुरम में 23.8, इंदौर में 22.7, भोपाल में 22.2, जबलपुर में 19.3 और रतलाम में 22.5 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया. मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो तापमान में उछाल आया है. कहीं-कहीं दिन का पारा तीन डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तो रात का पारा दो डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ऊपर चढ़ा है. प्रदेश में सबसे गर्म राजगढ़ रहा. वहीं सबसे गर्म रात सागर में दर्ज की गई।