फसलों को भारी नुकसान
भारी बारिश के कारण दलहन एवं तिलहन की 75 से 80 फीसदी फसलें खराब हो गई हैं। किसानों ने लोन लेकर खाद और बीज बोए थे, लेकिन फसल बर्बाद होने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं, सागर जिले में हो रही बारिश के कारण खरीफ की फसल बर्बादी की कगार पर है। भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भरा है। उड़द, अरहर और मूंग खेतों में गल गई है। तहसीलदार डॉ नरेन्द्र बाबू यादव का कहना है कि सर्वे के निर्देश मिले हैं, लेकिन बारिश के कारण आंकलन सही नहीं निकल पा रहा है। बारिश खुलने के बाद ही फसलों के सही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
33 जिलों में ज्यादा बारिश
सर्वाधिक बारिश मंदसौर जिले में और सबसे कम सीधी जिले में हुई है। हरदा, सागर, अलीराजपुर, खरगोन, दमोह, बैतूल, जबलपुर, मंडला, अशोकनगर, सिवनी, धार, बुरहानपुर, नरसिंहपुर, गुना, बड़वानी, विदिशा, इंदौर, उज्जैन, होशंगाबाद, देवास, मंदसौर, नीमच, सीहोर, रतलाम, खंडवा और सिंगरौली भारी बारिश हुई है। वहीं, शहडोल और सीधी में सबसे कम बारिश हुई है।
इन जिलों में अलर्ट
रेड अलर्ट – नीमच, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, आगर, राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट।
यलो अजर्ट – देवास, सीहोर, इंदौर, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुरकलां, गुना में भारी बारिश हो सकती है।
रेड अलर्ट – नीमच, मंदसौर, उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, आगर, राजगढ़, धार, झाबुआ, अलीराजपुर में अति भारी बारिश का अलर्ट।
यलो अजर्ट – देवास, सीहोर, इंदौर, अशोकनगर, मुरैना, श्योपुरकलां, गुना में भारी बारिश हो सकती है।
मंदसौर में भारी बारिश, मालवा में स्कूलों में छुट्टियां
मंदसौर जिले लगातार हो रही बारिश के कारण हालात बदतर हो गए हैं। यहां 36 घंटों में हुई 5 इंच बारिश हो चुकी है। मल्हारगढ़ क्षेत्र में भारी बारिश के चलते कई घरों व गांवों में पानी घुस गया जिससे प्रशासन ने 470 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया। इधर, शिवना नदी उफान पर होने से पशुपतिनाथ के गर्भगृह में पानी भर गया। सबसे खराब स्थिति मंदसौर के मल्हारगढ़ की है जहां पानी घुस गया है। पानी का बहाव इतना तेज है कि लोगों घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। सड़क पर सिर्फ सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है। लोग घर की छतों या फिर दूसरी मंजिल पर टिके हैं। वहीं, शनिवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने पानी में उतरकर ही प्रार्थना किया। शनिवार के दिन भयानक बारिश की वजह से स्कूल-कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं।
उफान पर शिवना
वहीं, जिला मुख्यालय पर सालों बाद इस साल पांचवी बार भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक किया है। तेज बारिश के कारण शिवना नदी पर उफान पर आई। जिसके कारण सीतामऊ की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थित छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। इसके साथ ही खेड़ा खूंटी, रतन पिपलियाख ऑडी और आदि गांव में आवागमन बंद है।
वहीं, जिला मुख्यालय पर सालों बाद इस साल पांचवी बार भगवान पशुपतिनाथ का अभिषेक किया है। तेज बारिश के कारण शिवना नदी पर उफान पर आई। जिसके कारण सीतामऊ की ओर जाने वाले रास्ते पर स्थित छोटी पुलिया जलमग्न हो गई। इसके साथ ही खेड़ा खूंटी, रतन पिपलियाख ऑडी और आदि गांव में आवागमन बंद है।
पांचवी बार खुले शिवना के गेट
मंदसौर जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है। 5वीं बार शिवना नदी ने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करके उनके चरण पखारे है। गांधीसागर बांध के 16 गेट, रेतम बैराज के 15 और गाडगिल के आठ गेट खोले, आधा दर्जन से अधिक मार्ग हुए बंद, कई मकान भी हुए क्षतिग्रस्त।
मंदसौर जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है। 5वीं बार शिवना नदी ने भगवान पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश करके उनके चरण पखारे है। गांधीसागर बांध के 16 गेट, रेतम बैराज के 15 और गाडगिल के आठ गेट खोले, आधा दर्जन से अधिक मार्ग हुए बंद, कई मकान भी हुए क्षतिग्रस्त।
मौसम को प्रभावित करने वाले कारक
-उत्तरी मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है तथा इसका ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव है।
-औसत समुद्र तल पर मानसून द्रोणिका अब अनूपगढ़, कोटा, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थिति कम दवाब क्षेत्र का केंद्र, सीधी, भागलपुर और पूर्व की ओर पूर्वी की ओर उत्तरी बांग्लादेश होती हुई में पूर्वी असम बनी हुई है।
-उत्तरी मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थित कम दबाव का क्षेत्र अब उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर बना हुआ है। इससे संबंधित चक्रवाती परिसंचरण अब औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है तथा इसका ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव है।
-औसत समुद्र तल पर मानसून द्रोणिका अब अनूपगढ़, कोटा, उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों पर स्थिति कम दवाब क्षेत्र का केंद्र, सीधी, भागलपुर और पूर्व की ओर पूर्वी की ओर उत्तरी बांग्लादेश होती हुई में पूर्वी असम बनी हुई है।