महाकाल दर्शन को आए संजय सिंह
महाकाल दर्शन (Mahakal Darshan) को उज्जैन जाने के दौरान इंदौर में उन्होंने कहा कि वजन जांच से संबंधित विश्व कुश्ती नियमों के अनुच्छेद-11 (Article 11 of World Wrestling Rules) में स्पष्ट उल्लेख है कि, जो ओलंपिक (olympic) या किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा (international competition) के दौरान लगातार दो दिन तक वजन जांचना (Weight Checking) अनिवार्य करता है। सिंह ने स्पष्ट कहा, विनेश और उनके सहयोगी कर्मचारी उनका वजन बढऩे-घटने के जिम्मेदार हैं। भारत सरकार (Government of India) या कुश्ती से जुड़े किसी संगठन की कोई गलती नहीं है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधित्व (International representation) के मामले में पदक (Medal) देश का होता है न कि केवल एथलीट का।
इधर विनेश फोगाट ने किया दावा, जल्द ही देश के सामने रखूंगी सच्चाई
इधर पेरिस ओलंपिक में गोल्ड और सिल्वर मेडल से चूकीं भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट(Indian Wrestler Vinesh Phogat) ने दावा किया है कि वह जल्द ही देश के सामने सच्चाई का खुलासा करेंगी और बताएंगी कि उनके साथ आखिरकार क्या हुआ था? विनेश ने कहा कि मैं जल्द ही आप सबके समक्ष आऊंगी और पूरी बात रखूंगी। बता दें कि विनेश फोगाट ओलंपिक में अपनी भागीदारी से पहले भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शोषण का आरोप लगाकर प्रदर्शन करने वाले पहलवानों का मुख्य चेहरा थीं। ऐसे में उनके इस बयान ने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर विनेश के साथ क्या हुआ?
गौरतलब है कि पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा महिला फ्रीस्टाइल में विनेश फोगाट फाइनल मुकाबले तक पहुंच गई थीं। लेकिन फाइनल मैच से कुछ घंटे पहले नियमानुसार जब उनका वजन मापा गया तो, यह निर्धारित सीमा से 100 ग्राम ज्यादा निकला। इसकी वजह से विनेश फोगाट को इस इवेंट में अयोग्य घोषित कर दिया था।
विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने इस मामले के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (Court of Arbitration for Sports) में चुनौती दी थी। लेकिन कोर्ट में भी फैसला विनेश के खिलाफ आया था। इस तरह से विनेश गोल्ड और सिल्वर दोनों ही मेडल से चूक गई थीं। इसके बाद निराशा में डूबी विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक के दौरान ही कुश्ती से अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी।