हमारे विद्यार्थियों में अधिकांश भविष्य में डॉक्टर या इंजीनियर बनने का विकल्प लेकर आगे बढ़ते हैं, लेकिन सभी के सभी इन्हीं दो फील्ड में जाएं यह न तो संभव है न ही व्यवहारिक ही, ऐसे में विद्यार्थियों तक इस बात को पहुंचाने का सबसे बेहतर तरीका शिक्षकों को नए क्षेत्रों और उनके संस्थानों से परिचित कराना है। इसी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक नामांकन वाले स्कूलों के प्राचार्यों को भ्रमण कराया जा रहा है।
धीरेन्द्र चतुर्वेदी, अपर संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय