इस जमीन के 16 एकड़ हिस्से में कुछ किसान खेती करते रहे हैं जो अब आपत्ति कर रहे हैं। माल्या की कंपनी से भी वे जमीन पर किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं चाहते। ग्राम सरवर में 8.160 हेक्टेयर यानी करीब 20 एकड़ जमीन को यूनाइटेड स्पीरिट्स लिमिटेड राजस्व अभिलेखों में अपने नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया कर रहा है।
ये है मामला
1999 में विटारी डिस्टलरीज ने सरवर में 20 एकड़ जमीन खरीदी थी। चार एकड़ में प्लांट डालने के बाद 16 एकड़ खाली थी। इस पर किसान खेती किसानी कर रहे थे।
मई 2001 में विटारी का माल्या की मैक डॉल स्पिरिट लिमिटेड में कोर्ट के जरिए विलय हो गया। बाद में कंपनी का नाम यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड हो गया। जिले के राजस्व रिकॉर्ड में जमीन विटारी के नाम रही।
2019 में यूवी ने नामांतरण की फाइल बढ़ाई तो जिला डिप्टी रजिस्टर द्वारा रजिस्ट्री स्टांप शुल्क पेनल्टी सहित 3.50 करोड़ रुपए तय किया गया। 2023 में असल शुल्क को 1.59 करोड़ कर दिया, जिस पर काफी विवाद हुआ। इसमें शासन को सीधा सीधा 1.91 करोड़ का नुकसान हुआ।
16 एकड़ में जो किसान कृषि कर रहे हैं उन्होंने अपना पक्ष प्रशासन से लेकर सभी स्तरों पर रखा। बताया कि जमीन पर कृषि कार्य के लिए 1999 से किसान काबिज है। विटारी ने जमीन खरीदी तो किसानों को आश्वस्त किया था कि कृषि भूमि पर किसी तरह की दखलअंदाजी नहीं करेंगे।
नामांतरण पर आपत्ति, तहसीलदार ने बदलते रहे आदेश
पंजीयन नियम में रजिस्ट्री के बाद ही नामांतरण होता है, लेकिन कंपनी के विलयीकरण के आधार पर नामांतरण का प्रकरण दर्ज कराया। इसमें उचित स्टांप शुल्क जमा नहीं होने पर नवंबर 2021 में प्रकरण अमान्य कर दिया गया। – 26 मार्च 2023 में कंपनी ने 1.59 करोड़ रुपए स्टांप शुल्क जमा किया तो तहसीलदार ने 20 जून 2023 को यूनाइटेड स्टेट का नामांतरण रिकॉर्ड में दर्ज किया। -किसानों ने कब्जे का विवाद किया तो तहसीलदार ने 12 जुलाई 2023 को यूनाइटेड स्पिरिट का नामांतरण निरस्त कर दिया। जिला उप पंजीयन को पत्र जारी कर दिया गया कि अभिमत मांगा कि ऐसे प्रकरण में रजिस्ट्री मान्य है या विलय जिसका जवाब आज तक प्राह्रश्वत नहीं है।
– तहसीलदार ने 21 अक्टूबर 2024 को फिर से यूनाइटेड स्पिरिट का नामांतरण दर्ज कर दिया गया।
-कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर
नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी
प्रकरण चल रहा है और जो नियमानुसार होगा, वही कार्रवाई की जाएगी। मामले में सभी पक्षों और स्थितियों को देखने का कहा गया है।-कौशलेंद्र विक्रमसिंह, कलेक्टर