विदिशा में विदिशा उदवहन सिंचाई योजना के अंतर्गत सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक 2 में नहर बनाई गई थी। विदिशा दौलतपुरा और मदन खेड़ा के लिए बनाई यह नहर गायब हो गई। पूरी की पूरी नहर गायब हो जाने की बात सामने आने से हड़कंप मच गया। अब इसकी तलाश की जा रही है।
यह भी पढ़ें : कथावाचक का एमपी में भी विरोध, पुजारी बोले- नाक रगड़कर माफी मांगे पंडित प्रदीप मिश्रा विदिशा उदवहन सिंचाई योजना के लिए तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी ने भू अर्जन किया था। किसानों की जमीन लेकर सिंचाई के लिए नहर बनाई गई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी उद्यान के पास पानी के लिए लिफ्ट भी बनाई। यहां से बेतवा नदी से पानी लिफ्ट कर नहर में दिया जाता था। बाद में यह योजना बंद हो गई।
हाल ही में अधिकारियों को इस बंद पड़ी योजना और नहर का ध्यान आया। नहर की खोज खबर ली गई तो अफसरों के मानो होश उड़ गए। मौके पर कहीं यह नहर मिली ही नहीं। पूरी नहर गायब हो चुकी थी।
पड़ताल में मालूम चला कि योजना बंद होने के बाद लोगों ने नहर पर कब्जा कर लिया। नहर को पूर कर उस जमीन पर मकान तान दिए। बाकायदा अधिग्रहित की गई जमीन पर भू माफिया ने कब्ज़ा कर लिया। अवैध कब्जों के कारण नहर पूरी तरह गायब हो चुकी है।
विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने इस बात की तस्दीक की। उन्होंने कहा कि नहर की जमीन की तलाश करने जांच की जाएगी। अगर भूमाफियाओं ने इस पर कब्जा किया है तो जमीन को मुक्त कराया जाएगा।