मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां अभी से सक्रिय हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां लगातार विन्ध्य क्षेत्र सहित आदिवासी बेल्ट में सक्रिय हैं। भाजपा की नजर इस बार छिंदवाड़ा में सेंध लगाने की है। प्रदेश में 2019 में हुई लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश की 29 सीटों में 28 भाजपा ने जीती थी, लेकिन छिंदवाडा़ की एक सीट कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ जीत पाए थे। भाजपा इस सीट को भी जीतने की कोशिश करने वाली है।
अमित शाह के जरिए भाजपा ने छिंदवाड़ा में किलेबंदी शुरू कर दी है। 19 मार्च को अमित शाह छिंदवाड़ा आएंगे। अमित शाह छिंदवाड़ा के जरिए बैतूल, हरदा और महाकौशल के मंडला, डिंडोरी तक के लोगों को साधने की कोशिश करेंगे। इन क्षेत्रों में आदिवासी वोटर्स की संख्या ज्यादा है। आदिवासी बेल्ट में भाजपा का यह बड़ा और अहम दौरा माना जा रहा है।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनवा से पहले बड़े नेताओं के दौरे बढ़ने लगे हैं। पार्टियां मध्यप्रदेश के जरिए अन्य राज्यों पर भी फोकस किया जाता है। भाजपा इस बार आदिवासी क्षेत्रों में भी सक्रिय हो गई है। 2018 में हुए चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का अभेद्य किला है, इसे यदि भाजपा जीत लेती है तो यह भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। क्योंकि राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ में सेंध लगाने आ रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः गृहमंत्री अमित शाह की नजर मध्यप्रदेश पर, चुनाव से पहले की यह है रणनीति
विन्ध्य पर भी फोकस
24 फरवरी को अमित शाह मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र के दौरे पर थे। वे खजुराहो, सतना और मैहर भी गए थे। शाह मां शबरी जयंती के मौके पर कोल जनजाति महाकुंभ में शामिल होने आए थे। उन्ोहंने इस दौरान मेडिकल कालेज का लोकार्पण भी किया था। इसी कार्यक्रम के बहाने विन्ध्य क्षेत्र की 29 सीटों पर भाजपा ने फोकस करना शुरू कर दिया है। क्योंकि कांग्रेस भी इसी क्षेत्र में अपनी सीटें बढ़ाने वाली है। विन्ध्य की 29 में से महज 4 सीटें कांग्रेस के पास हैं।