एक महीने से लगातार बना हुआ है उतार-चढ़ाव
भोपाल के भेल क्षेत्र में रहने वाली निधि श्रीवास्तव कहती हैं पिछले एक महीने से सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे दिन कम ही रहे कि सब्जीयां कुछ सस्ती मिली। मंडी से सब्जी लाती हैं कि कुछ सस्ती मिल जाए, लेकिन मंडियों में भी कीमतें सुनकर आंखें खुली रह जाती हैं। पसंद की सब्जियां खाना मुश्किल हो गया है। दाल भी जीरा हींग से ही छौंक रही हैं, टमाटर, प्याज का इस्तेमाल नहीं कर पा रहीं।
बरखेड़ा पठानी खजूरी कला की मिनी जनार्दन का कहना है कि सब्जियां इतनी महंगी हो रही हैं कि दो दिन पहले मंडी तो गई लेकिन हरी सब्जियों के नाम पर केवल भिंडी लाई, 5-5 किलो आलू-प्याज लाती हूं, लेकिन इस बार एक किलो आलू और एक किलो प्याज ही लेकर आई। हरा धनिया कब से नहीं खाया, लहसुन की चटनी खाना भूल गए। क्या खाएं समझ नहीं आता। अब कुछ कम हों दाम तो लाएं सब्जियां।