जरूर पढ़ें वास्तु शास्त्र के ये नियम
– सनातन धर्म में पंचदेव पूजा के अलावा कुलदेवी-कुलदेवता की भी पूजा की जाती है। पंचदेवों में गणेश, दुर्गा, सूर्य, शिव और विष्णु हैं। इनकी पूजा सभी कार्यों में की जाती है।
-मान्यता है कि ऐसा करने से घर में हमेशा पॉजिटिव एनर्जी का वास होता है, नेगेटिविटी हमेशा दूर रहती है।
– वास्तुदोष खत्म होते हैं।
ये भी पढ़ें : रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले महाकाल में दीपावली, भस्म आरती के दौरान पटाखे फोड़े, फुलझड़ियां भी जलाईंभगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं…
– यदि आप मंदिर में मूर्तियों की स्थापना कर रहे हैं, तो ध्यान रखें ये मूर्तियां पत्थर की, सोना-चांदी की या फिर अष्ट या पंच धातु के अलावा अन्य धातु की हो सकती हैं।
– घर के पूजा घर में रखी जाने वालीं प्रतिमाओं को तभी घर में स्थापित करें जब नियमित रूप से उनकी साफ-सफाई और पूजा-अर्चना कर सकें।
– यदि आप नियमित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो यह उचित नहीं है।
– मूर्तियों स्थापित करते हैं तो और विधि-विधान से और नियमित पूजा-अर्चना जरूरी है।
– ऐसा नहीं करने से घर में अशांति, नकारात्मकता आती है।
– आर्थिक स्थिति कमजोर होती है।
– अगर आप नियमित रूप से ऐसा नहीं करते हैं, तो कोशिश करें कि प्रतिमाओं या मूर्तियों के बजाय, भगवान के सुंदर चित्र या फोटो भी लगा सकते हैं।
– घर के मंदिर में एक मूर्ति के बजाय कई देव मूर्तियों की पूजा करना शुभ माना जाता है।
– लेकिन घर में कभी भी दो शालिग्राम, दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति और दो गोमती चक्र नहीं होने चाहिएं।
– इसीलिए अगर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, तो भगवान राम के साथ सीता और लक्ष्मण ही नहीं बल्कि हनुमान जी की भी प्रतिमा स्थापित करें।
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