इससे यही सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर यह किसी शरारती तत्व की हरकत है या कोई साजिश। क्या इस तरह की घटना से यूपी चुनाव का कोई कनेक्शन है। पत्रिका पड़ताल में यह सामने आया कि इस तरह की लगातार हरकत उत्तरप्रदेश चुनाव को ध्यान में रखकर ही की जा रही है। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि इस बार मनगवां- प्रयागराज हाइवे 30 के ओवरब्रिज में लगाए गए टाइमर के ठीक ऊपर एक नोट भी चस्पा किया गया था। अंग्रेजी के अक्षरों में लिखे गए इस नोट में हिंदी का ही उपयोग किया गया है। जिसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी जिक्र है। जिनके बारे में लिखा गया है कि यह ब्लास्ट वही रोक सकते हैं। इसके साथ ही प्रयागराज पुलिस का भी उल्लेख है।
कोई डर फैलाना चाहता है
सीरियल बम टाइमर मिलने की दो घटनाओं से पता चलता है कि कोई तत्व है जो यूपी चुनाव को लेकर डर फैलाना चाहता है। इसका पता इससे भी चलता है कि रीवा जिले के बीचोंबीच स्थित मनगवां कस्बे में लगाए गए बम टाइमर के साथ चस्पा नोट में रीवा या मध्यप्रदेश पुलिस को लेकर कोई जिक्र नहीं है। किसी तरह की धमकी या कारण भी नहीं लिखा हुआ है। इसलिए साजिश और शरारत में यह पूरा मामला उलझ गया है।
सीरियल बम टाइमर मिलने की दो घटनाओं से पता चलता है कि कोई तत्व है जो यूपी चुनाव को लेकर डर फैलाना चाहता है। इसका पता इससे भी चलता है कि रीवा जिले के बीचोंबीच स्थित मनगवां कस्बे में लगाए गए बम टाइमर के साथ चस्पा नोट में रीवा या मध्यप्रदेश पुलिस को लेकर कोई जिक्र नहीं है। किसी तरह की धमकी या कारण भी नहीं लिखा हुआ है। इसलिए साजिश और शरारत में यह पूरा मामला उलझ गया है।
खाली दिमाग या साजिश
अभी तक जो दो टाइमर पुल के नीचे से बरामद किए गए हैं, वे दोनों ही लाल रंग के डिब्बे में थे। जिसमें घड़ी लगी हुई थी और चालू हालत में थी। सोहागी पहाड़ के पुल के नीचे देर रात यह टाइमर मिला था और मनगवां का टाइमर सुबह वहां से निकलने वाले लोगों ने देखकर पुलिस को सूचना दी थी। इससे साफ है कि यह दोनों टाइमर रात के अंधेरे में लगाए गए थे। इन्हें लगाने वाला गिरोह भी एक ही है।
अभी तक जो दो टाइमर पुल के नीचे से बरामद किए गए हैं, वे दोनों ही लाल रंग के डिब्बे में थे। जिसमें घड़ी लगी हुई थी और चालू हालत में थी। सोहागी पहाड़ के पुल के नीचे देर रात यह टाइमर मिला था और मनगवां का टाइमर सुबह वहां से निकलने वाले लोगों ने देखकर पुलिस को सूचना दी थी। इससे साफ है कि यह दोनों टाइमर रात के अंधेरे में लगाए गए थे। इन्हें लगाने वाला गिरोह भी एक ही है।
यूपी पुलिस को भेजा अलर्ट
इन दोनों ही घटनाओं के बाद रीवा पुलिस ने उत्तरप्रदेश पुलिस से जानकारी साझा करते हुए अलर्ट भेज दिया है। जिसकी पुष्टि एडीजी रीवा जोन केपी वेंकटेश राव ने की है। वहीं रीवा अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मनगवां ओवरब्रिज के नीचे से मिले टाइमर में किसी तरह का विस्फोटक नहीं पाया गया है। हालांकि बमरोधी दस्ते ने पूरी सतर्कता और एहतियात के साथ उसे वहां से हटाकर डिफ्यूज किए जाने की कार्रवाई की थी। इससे पहले टै्रफिक रोक दिया गया था और यात्री वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया था।
इन दोनों ही घटनाओं के बाद रीवा पुलिस ने उत्तरप्रदेश पुलिस से जानकारी साझा करते हुए अलर्ट भेज दिया है। जिसकी पुष्टि एडीजी रीवा जोन केपी वेंकटेश राव ने की है। वहीं रीवा अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मनगवां ओवरब्रिज के नीचे से मिले टाइमर में किसी तरह का विस्फोटक नहीं पाया गया है। हालांकि बमरोधी दस्ते ने पूरी सतर्कता और एहतियात के साथ उसे वहां से हटाकर डिफ्यूज किए जाने की कार्रवाई की थी। इससे पहले टै्रफिक रोक दिया गया था और यात्री वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया था।