‘थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया नहीं होने देते शराबबंदी’
उमा भारती ने नई शराब दुकानें खोले जाने को लेकर अपना विरोध जताते हुए सोशल मीडिया पर एक के बाद एक आठ ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने यहां तक लिखा कि थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है। उन्होंने ट्वीट के जरिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अपील करते हुए लिखा है कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं वहां शराबबंदी की तैयारी की जानी चाहिए।
पहला ट्वीट
अपने पहले ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है @ChouhanShivraj जी का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है।
दूसरा ट्वीट
अपने दूसरे ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा।
तीसरा ट्वीट
अपने तीसरे ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि अभी हाल में उप्र एवं मप्र में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई सड़क दुर्घटनाओं के अधिकतर कारण तो ड्राइवर का शराब पीना ही होता है यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच एवं शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है।
अपने चौथे ट्वीट में उमा ने लिखा कि अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो, सरकारी तंत्र के द्वारा शराब की दुकाने खोलना ऐसे ही है।
पांचवा ट्वीट
अपने पांचवे ट्वीट में उमा ने लिखा कि मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी से इस ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए।
छठा ट्वीट
अपने छठवें ट्वीट में उमा ने लिखा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये।
सातवां ट्वीट
सातवें ट्वीट में उमा ने लिखा कि शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक है।
आठवां ट्वीट
आठवें ट्वीट में उमा ने लिखा कि कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च होते हैं समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है।
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