उन्होंने शनिवार को कहा कि दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से शराबबंदी के बारे में मुलाकात और बातों का दो दौर मार्च से मई तक चला उससे यह बात मन में दबी रह गई थी। जिन नेताओं से बातों का दौर चला, उनके नाम नहीं बता सकती। बस एक नीति के अभाव में वह कोई निर्णय ही नहीं ले पाए और मेरे 5 माह निकल गए।
उमा भारती ने शिवराज सिंह चौहान का नाम लेकर कहा कि अपनी कही हुई बात पर अमल करने का साहस मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान ने दिखाया। मोदी मेरे नेता, शिवराज मेरे बड़े भाई एवं भाजपा ही मेरा परिवार हैं।
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1) 7 नवम्बर से 14 जनवरी तक मध्यप्रदेश का भ्रमण होगा । मंदिर, नदियाँ, जंगल, शराब की दुकान या अहाता कहीं भी टेंट लगा कर रात्री विश्राम होगा।
2) अब जाके मेरे मन को शान्ति मिली। जो बात मैंने कल कही वो तो मैं मार्च में ही कहना चाहती थी, लेकिन दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से शराबबंदी पर मुलाक़ात एवम् बातों का जो दौर मार्च से मई तक चला उससे यह बात मन में दबी रह गई।
3) जिन नेताओं से बातों का दौर चला उनके नाम नहीं बता सकती थी, उनपर अविश्वास भी नहीं था। बस एक नीति के अभाव में वह कोई निर्णय ही नहीं ले पाये एवम् मेरे 5 महीने निकल गये।
4) मैं विश्वास करती रही की बातों से कोई परिणाम सामने आ जाए, इसलिए मेरे निंदा और उपहास होते रहे फिर भी मैं धैर्य धारण किए रही।
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5) अपनी कही हुई बात पर अमल करने का साहस मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान ने दिखाया। मोदी मेरे नेता, शिवराज मेरे बड़े भाई एवं भाजपा ही मेरा परिवार हैं।
6) मोंहि न कछु बाँधे कर लाजा। कीन्ह चहौ निज प्रभु कर काजा।।’
मुझे तो लक्ष्य सिद्धि चाहिए थी। मैंने हनुमान जी, वीर शिवाजी तथा क्रांतिकारी चे ग्वेवारा से यही सीखा हैं की ख़ुद पर नहीं लक्ष्य पर नज़र रखो।
7) भाजपा की ही नहीं बल्कि पूरे देश के राजनीतिक दलों की यह समस्या है कि शराब के सम्बंध में उनकी कोई निश्चित नीति नहीं है।
8) यह पूर्णतः राज्यों का विषय हैं एवं राज्य सरकारें ही अपने तरीक़े से इस पर नीति बनाती है और वह नीति इस पर निर्भर हो जाती है कि शराब माफ़िया का इस पर कितना शिकंजा हैं।
9) सरकार का अभियान सफल हो, नई शराब नीति बने और मध्यप्रदेश भाजपा एवं भाजपा शासित प्रदेशों के लिए मॉडल स्टेट बने।
10) लोगों की ज़िंदगी नष्ट करके शराब से वसूले गए राजस्व के लालच से मुक्त होकर राजस्व के नए विकल्प तलाशने में भी मध्यप्रदेश मॉडल स्टेट बन सकता है।
11) इस अभियान के पीछे मेरी कोई ओछी राजनीतिक आकांक्षा हैं, ऐसे पापपूर्ण दुष्प्रचार का मैं बहुत कठोरता से जवाब दूँगी।
12) मुझे इन बातों की ज़रूरत ही कहा हैं। यहां तो सारी जमीन भी मेरी है और आसमान भी मेरा है। आप सब मेरे हैं, मैं आप सबकी हूं।
13) मार्च 2023 में नई नीति आने तक जागरूकता अभियान के साथ कुछ दुकानें और अहाते बंद करना शुरू कर देना चाहिए। मध्यप्रदेश के विधि विभाग की यह ज़िम्मेदारी होनी चाहिए कि उन्हें कोर्ट से स्टे न मिले।
14) माननीय कोर्ट कभी शराबियों के पक्ष में नहीं हो सकता, यह तो हमारे विधि विभाग एवं विधि विशेषज्ञों की खामियां हैं कि उन्हें स्टे मिल जाता है।
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