सीएम मोहन यादव भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान में मेट्रोपोलिटिन रीजन प्लान को भी शामिल करने की बात कह चुके हैं। इंदौर का मास्टर प्लान जहां 2041 तक के लिए बन रहा है वहीं भोपाल का मास्टर प्लान 2047 तक के लिए तैयार किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : 12 नवंबर की भी छुट्टी घोषित, स्कूल और ऑफिस बंद रहेंगे पर बैंकों में होगा कामकाज दोनों महानगरों के मास्टर प्लान में 24 मीटर की सड़कों की योजना शामिल की जाएगी। हाईराइज भवनों के साथ ही ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) यानी हस्तांतरणीय विकास अधिकार और हरियाली बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान में मेट्रोपोलिटिन रीजन प्लान को भी शामिल किया जाएगा। इसके तहत इंदौर के मास्टर प्लान में धार, देवास और उज्जैन जिलों को भी शामिल किया गया है। भोपाल में भी सीहोर, रायसेन और विदिशा जिले के कुछ हिस्से को मास्टर प्लान में शामिल किया है।
गौरतलब है कि राजधानी भोपाल का मास्टर प्लान 19 सालों से और इंदौर का 3 साल से अटका है। भोपाल का मास्टर प्लान 1995 के बाद लागू नहीं हुआ। 2023 में नया ड्राफ्ट आया, लेकिन 3 हजार से ज्यादा आपत्तियों के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। प्रदेश के नगरीय विकास व आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अब मास्टर प्लान जल्द लागू करने की बात कह रहे हैं।
नए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट के मुख्य बिंदु
कॉलोनाइजर को कॉलोनी में एक तिहाई हिस्से में ग्रीन प्लेस बनाना होगा।
कॉलोनी में अंडरग्राउंड वायरिंग होगी।
आईटी पार्क के लिए विशेष बाजार।
दो तीन किमी के दायरे में प्रदूषणमुक्त औद्योगिक क्षेत्र
सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस।
कॉलोनाइजर को कॉलोनी में एक तिहाई हिस्से में ग्रीन प्लेस बनाना होगा।
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दो तीन किमी के दायरे में प्रदूषणमुक्त औद्योगिक क्षेत्र
सड़कों को जोड़ने पर विशेष फोकस।