आरजीपीवी ने कर दिया था इंकार राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) द्वारा 50 एकड़ जमीन न देने के कारण प्रदेश से ट्रिपल आईटी की सौगात छिनने की नौबत आ रही थी। सरकार ने इसलिए बरखेड़ा नाथू में 50 एकड़ जमीन आवंटित की थी। यहां केंद्र सरकार, राज्य शासन और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए भवन का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित था। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एमओयू भी हो चुका है। हाल ही में हुई एक बैठक में संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने आरजीपीवी के अधिकारियों को बुलाया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे। जिस पर संभागायुक्त ने उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि ये रवैया गैर जिम्मेदाराना है और इससे लगता है कि आरजीपीवी छात्रो के भविष्य को लेकर चिंतित नहीं है। वहीं इससे पहले भी अलग संस्थान को लेकर छात्र मैनिट में घरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
ये है फंडिंग फार्मूला
नया परिसर बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ एमओयू साइन किया था। इस एमओयू के अनुसार राज्य शासन जमीन उपलब्ध कराएगा और 35 फीसदी राशि वहन करेगा। वहीं केंद्र सरकार 50 फीसदी राशि देगी। शेष 15 प्रतिशत राशि पीपीपी के जरिए ली जाएगी।
नया परिसर बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ एमओयू साइन किया था। इस एमओयू के अनुसार राज्य शासन जमीन उपलब्ध कराएगा और 35 फीसदी राशि वहन करेगा। वहीं केंद्र सरकार 50 फीसदी राशि देगी। शेष 15 प्रतिशत राशि पीपीपी के जरिए ली जाएगी।
आवंटित जमीन में कोई विवाद नहीं है। इस मामले में फिलहाल हमें आपत्ति भी नहीं मिली है। मैनिट की आवश्यकता की समीक्षा की जाएगी।
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर
तरुण पिथोड़े, कलेक्टर