यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि राज्य में 1 अक्टूबर से वाहन रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने काम बंद कर दिया था। इसके बाद एक नई व्यवस्था लागू हुई जिसमे कहा गया कि गाड़ी मालिकों को कोई भी कार्ड रखने की जरूरत नहीं है। लोग अपने कार्ड को फोन में ऑनलाइन रख सकते है। इसके बाद ई-कार्ड पर परिवहन विभाग 200 रुपये वसूल रहा है। प्लास्टिक कार्ड फीस के नाम पर 200 रुपये लिखकर आ रहे हैं, जिसे मजबूरन आवेदकों को देना पड़ रहा है।
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यह नई व्यवस्था असल में यह है कि गाड़ी रखने वाले को रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस का कार्ड नहीं बल्कि उसका ऑनलाइन फॉर्म ई-कार्ड दिया जाएगा। इस ई-कार्ड को परिवहन विभाग मंजूरी देगा जिसे लोग अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन निकाल सकेंगे या अपने फोन में रख सकेंगे। हालांकि, यह नया नियम 1 अक्टूबर से ही लागू कर दिया गया है जिसमे विभाग द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया था कि ई-कार्ड मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी मान्य होंगे। आपको बता दें की यह ई-कार्ड एम परिवहन एप पर उपलब्ध होगा जहां से सिटीजन पोर्टल पर आवेदक इसका पीडीएफ निकाल सकेंगे।