भोपाल। गाड़ी ड्राइव करते हुए हर रोज ट्रैफिक रूल्स तोड़े जाते हैं। कई बार अनजाने में तो कई बार जानबूझकर। ऐसे में रूल्स तोड़ने वाला तो खुद जोखिम मोल लेता ही है साथ में सामने वाले को भी खतरे में डाल देता है जिससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
अमूमन ऐसा होता है कि आप कितनी भी सेफ ड्राइविंग कर रहे हों, आप ट्रैफिक रूल्स के सारे नियमों का पालन भी कर रहे हों लेकिन सामने वाले की गलती से एक बड़ा हादसा हो जाता है। ऐसे में आपको ट्रैफिक नियम जानने चाहिए और ट्रैफिक रूल को तोड़ने में कितनी सजा है ये भी. हम आपको बता रहे हैं गाड़ी चलाते वक़्त ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर होने वाली सजा के बारे में….
ट्रैफिक सिग्नल में इन तीन रंगों का मतलब
लाल रंग
सिग्नल में लाल रंग का अपना एक खास महत्व है। लाल रंग की गति अन्य रंगों के मुकाबले सबसे तेज होती है। इस रंग को कितनी भी दूर से हम आसानी से देख सकते हैं। इसके अलावा सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग न केवल आपको रोकने के लिए किया जाता है बल्कि यह इस बात का भी संकेत देता है कि आपके आगे खतरा है। लाल रंग रक्त और हिंसा का घोतक होता है जिसके कारण इसका प्रयोग यातायात को रोकने के लिए किया जाता है।
पिला रंग
यह रंग आपको निर्देशित करता है आप अपनी उर्जा को समेट कर तैयार हो जायें। ट्रैफिक सिग्नल पर जब पिले रंग की लाईट जलती है तो उसका मतलब यही होता है कि आप अपने वाहन के इंजन को स्टार्ट रखें और आप धीमे -धीमे आगे बढ़ सकते हैं। पिले रंग में आपको रुकना नहीं होता है लेकिन आप धीरे धीरे आगे बढ़ सकते हैं।
हरा रंग
यह रंग खतरे के बिलकुल विपरीत होता है। जैसा कि लाल रंग का प्रयोग वाहनों को रोकने के लिए किया जाता है उसी प्रकार हरे रंग का प्रयोग वाहनों को आगे बढ़ने के लिए किया जाता है। हरे रंग का मतलब है कि रास्ता आपके लिए खाली है और आप आगे बढ़ सकते हैं।
ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर लग सकता है ये जुर्माना
-बिना हेलमेट के गाड़ी चलने पर 500 रुपये जुर्माना
-बिना रजिस्ट्रेशन गाड़ी चलाना- 2000
-बिना सीट बेल्ट के ड्राइविंग करना- 100
-पीयूसी के बिना गाड़ी चलाना- 100
-प्रेशर हॉर्न का प्रयोग 100 रूपया
-टू- व्हीलर पर तीन सवारी बैठाना- 100 रुपये
-शराब पीकर गाड़ी चलाना 2000
-बिना लाइसेंस गाड़ी चलने पर 500 रुपये जुर्माना
-इंश्योरेंस के बिना ड्राइविंग करने पर 1000 पेनाल्टी
-सप्पेद लिमिट क्रॉस करने पर 400 जुर्माना
-ड्राइविंग करते वक़्त मोबाइल पर बात करना- 1000 जुर्माना, पहले तीन महीने के लिए लाइसेंस जब्त
-ट्रैफिक इंस्पेक्टर से दुर्व्यवहार- 1000
ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सख्ती
नए बिल में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के साथ-साथ ऑटो कंपनियों को भी जवाबदेह बनाने की कोशिश की जा रही है। गलत डिजाइन या दोषपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग और गड़बड़ी पाए जाने पर ऑटो कंपनी पर भी कार्रवाई की जाएगी। गाड़ियों के डिजाइन में गड़बड़ी पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान रखा गया है।
होगी निगटिव स्कोरिंग
रेड लाइट जंप करने, सीट बेल्ट नहीं लगाने जैसे ट्रैफिक नियमों को तोड़न पर जुर्माने के साथ-साथ निगेटिव स्कोरिंग का प्रस्ताव है। अगर निगेटिव स्कोरिंग ज्यादा हुई तो लाइसेंस कैंसिल भी किया जा सकता है।
– भारत में हर साल 1,20,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और 12,70,000 लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं।
– अगर आंकड़ों की बात करें, तो भारत में हर छह मिनट में एक मौत सड़क दुर्घटना में होती है और वर्ष 2020 तक यह आंकड़ा हो जाएगा- हर 3 मिनट में एक मौत।
– पूरे विश्व के मुक़ाबले अकेले भारत में 10% मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं।
– सुरक्षा नियमों का पालन बच्चों को सिखाना बहुत ज़रूरी है और यह तभी संभव है, जब पैरेंट्स और टीचर्स ख़ुद इन नियमों का पालन करें।
– कभी भी धैर्य खोकर जल्दबाज़ी न दिखाएं. सिग्नल तोड़कर या सामने से गाड़ी को आता देख भागकर रोड क्रॉस कभी न करें।
– अगर दाहिनी ओर मुड़ना है, तो पहले सड़क के बीच सुरक्षित तरी़के से आएं, फिर दाहिनी ओर पहुंचें। टर्न लेने के बाद गाड़ी वापस सड़क की बाईं तरफ़ ही रखकर ड्राइव करें।
– यू टर्न लेते व़क्त भी इंडिकेशन ज़रूर दें और जहां यू टर्न की अनुमति नहीं है, वहां से यू टर्न कभी न लें।
– वन वे में कभी भी रिवर्स या अपोज़िट डायरेक्शन में गाड़ी न चलाएं।
– यदि इंडिकेशन व ब्रेक लाइट्स काम नहीं करें, तो जब तक वो रिपेयर न हो जाएं, तब तक हाथों के साइन्स का प्रयोग करें।
– उतरते व़क्त भी बस के पूरी तरह से रुकने पर ही उतरें, चलती बस से कभी न उतरें।
– हैंड सेट को तेज़ वॉल्यूम पर रखकर गाने सुनते हुए न चलें, इससे गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ वग़ैरह आप सुन नहीं पाएंगे।
-कीप लेफ्ट यानी बाईं ओर ही वाहन चलाएं।
– बाईं ओर से टर्न लेना हो, तो टर्न लेने के बाद भी बाईं ओर ही गाड़ी चलाएं।
– लेन को कट-क्रॉस न करें, जैसे- आपको बाईं तरफ़ टर्न लेना है, तो गाड़ी को दाहिनी तरफ़ रखकर फिर बाईं ओर मुड़ने का जोख़िम न उठाएं. शुरू से ही बाईं ओर गाड़ी रखें।
– बेवजह हॉर्न न बजाएं।