बेसन और आटे में मिले यह खतरनाक तत्व
खुश्मिता किराना कोलार से लिए मगध ब्रांड बेसन और खुला आटा के सैंपल लैब की रिपोर्ट में फेल हो गए। बेसन में तय लिमिट से 200 फीसदी ज्यादा खतरनाक तत्व और आटे में तीन सौ फीसदी पेस्टिसाइड डार्सबान, जिसे दीमक मारने में उपयोग किया जाता है, ज्यादा मिला है। इस पर नोटिस जारी हुई। मुय खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि बेसन में जो तत्व ज्यादा मिले हैं उनकी मात्रा 0.1 फीसदी की जगह 2 प्रतिशत से ज्यादा और खुले आटे में 3 फीसद ज्यादा है।
मिट्टी से आते हैं खतरनाक रसायन
दरअसल, फसल के दौरान ही ये पेस्टिसाइड्स मिलाए जाते हैं। इसके साथ कई स्थानों पर सीवेज फार्मिंग भी हो रही है। इससे जमीन में इन रसायनों की की मात्रा बढ़ने से ये फसल में भी आ जाते हैं। इसके बाद खाद्य सामग्री में मिलावट करें तो इनकी मात्रा और बढ़ जाती है। ऐसे में इसमें मिलावट की शंका भी जाहिर की गई है।
मिलावट पर आजीवन कारावास का प्रावधान
मध्यप्रदेश में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
हर साल 7 लाख किलो कीटनाशकों का उपयोग
कृषि विभाग के अनुसार कृषि का कुल रकबा 1 लाख 41 हजार हेक्टेयर है। हर साल औसतन एक हेक्टेयर फसल में 5 किग्रा कीटनाशकों, खरपतवारनाशकों आदि का इस्तेमाल किया जाता है। जिले में लगभग 150 दुकानें हैं। साल में सात लाख किग्रा कीटनाशक उपयोग होता है।
मिलावट पर करें शिकायत, नाम रहेगा गुप्त
मिलावटखोरी पर लगाम के लिए ईदगाह हिल्स कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाई गई है। यहां फोन नंबर 0755-2665036 पर सुबह 10 से 5 बजे तक शिकायत दर्ज करायी जा सकती है। शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जाता है।
खाद्य पदार्थों में खतरनाक रसायनों का मिलना ठीक नहीं है। लगातार खाद्य सामग्री की सेंपलिंग की जाएगी ताकि कार्रवाई हो सके।
देवेंद्र वर्मा, अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा