पहाडिय़ों में चढऩे में कभी भी रूकावट न हो इसके लिए इनमें फोर व्हिलड्राइव होगा। पर्यटकों को करमई, देलावाड़ी से होते हुए भीमबैठिका, कैरी महादेव होते हुए टाइगर टेरिटरी क्षेत्र से होकर रूट तय किया गया है। पूरे जंगल में चार घंटे से अधिक समय का भ्रमण कराया जाएगा। बीच में तीन स्थानों पर कुछ समय के लिए रोका जाएगा, जहां पर्यटकों के नाश्ता की व्यवस्थ होगाी, लेकिन नाश्ता उन्हें सफारी में बैठते समय ही दे दिया जाएगा।
पचमढ़ी, सीहोर रूट को जोडऩे की योजना
पचमगढ़ी और सीहोर से इस सफारी को जोड़ा जाएगा। इसका विस्तार इन सफारी के फीडबैक के आधार पर किया जाएगा। इसके अलावा सभी अनुभव क्षेत्रों को पर्यटकों के हिसाब से तैयार किया जाएगा। जहां रूकने, नाश्ता, भोजन और मनोरंजन की व्यवस्था होगी। पयर्टकों को आकर्षित करने के लिए कुछ स्थानों पर मचान भी बनाए जाएंगे। फिलहाल इसमें दो रूट बनाए गए हैं, जिसमें पहला रूट झिरी से दलावाड़ी और दूसरा रूट झिरी से कैरीमहादेव तक का होगा।
रातापानी बनेगा पर्यटन का बड़ा हब
रातापानी क्षेत्र पर्यटन का एक बड़े हब के रूप में तैयार किया जाएगा। इन क्षेत्र में 60 से अधिक बाघ हैं। इसके अलावा अन्य वन जीव हैं, जो सफारी के दौरान पर्यटकों को दिखाई दे सकेंगे। इसके अलावा पचमढ़ी हिल स्टेशन है। सबसे बड़ी बात है यह क्षेत्र इटारसी रेलवे स्टेशन के पास होने से पर्यटको को यहां पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। भोपाल शहर से भी यह अभ्यारण लगा हुआ है। इससे पर्यटक एक दिन के अंदर सफारी कर वापस लौट सकेंगे।
सफारी शुरू होने से यहां के लोगों को रोजगार मिलने के साथ यह क्षेत्र टूरिजम हब के रूप में विकसित होगा। प्रदेश में पहली बार जंगल सफारी शूरू हुई है, जिसमें पर्यटकों को नेशनल पार्क का अनुभव मिलेगा।
धनंजय विजय सिंह, आनर रातापानी जंगल लॉज मप्र