भोपाल

ऐसी होती है मां…ट्रेन से घायल हो गए दो शावक, जिंदा रखने के लिए रात भर सहलाती रही बाघिन

Budhni Midghat अपने घायल पड़े बच्चों को वह रातभर दुलारती रही, उनके घावों को सहलाती रही।

भोपालJul 16, 2024 / 09:54 pm

deepak deewan

Tigress kept caressing the injured cubs in Budhni Midghat

Tigress kept caressing the injured cubs in Budhni Midghat इंसान हों या मूक प्राणी- मां की ममता तो सबमें समान होती है…। मध्यप्रदेश में ममत्व की कुछ ऐसी ही ​मिसाल तब सामने आई जब बुधनी के जंगलों में टाइगर के तीन शावक ट्रेन से टकरा गए। एक शावक की तो मौत हो गई जबकि दो अन्य शावक बुरी तरह घायल हो गए। दुर्घटना के कुछ देर बाद ही शावकों की मां आ गई। अपने घायल पड़े बच्चों को वह रातभर दुलारती रही, उनके घावों को सहलाती रही। सुबह वनविभाग की टीम ने बमुश्किल उन शावकों को इलाज के लिए रेस्क्यू किया।
सोमवार रात भोपाल इटारसी के बीच मिडघाट के पास टाइगर के तीन शावक ट्रेन की चपेट में आ गए। बाघ के एक बच्चे की वहीं मौत हो गई जबकि शेष दो शावक गंभीर रूप से घायल हो गए। वनविभाग को सूचना मिली तो टीम तुरंत मौके पर पहुंची लेकिन इसी बीच वहां शावकों की मां आ गई।
यह भी पढ़ें : एमपी में प्राइवेट स्कूलों पर फीस लौटाने पर जबर्दस्त सख्ती, 15 जुलाई से सभी स्कूल बंद

मादा टाइगर ने अपने मृत शावक और दो शावकों को घायल पड़े देखा तो जोरों से दहाड़ लगाई। टाइगर का रौद्र रूप देखकर वन कर्मचारियों, अधिकारियों ने वहां से दौड़ लगा दी। वनकर्मियों के जाने के बाद गुस्साई टाइगर ममतामयी मां बन गई।
वनरक्षकों ने बताया कि मां रातभर अपने घायल शावकों के पास बैठकर उन्हें सहलाती रही। शावकों को जिंदा रखने के लिए बाघिन मां पूरी रात उनके घावों को भी चाटती रही। बाघिन अपने मृत शावक के पास भी कई बार गई।
यह भी पढ़ें :शादी में आने से कर दिया इंकार, फिर अंबानी परिवार ने किया कुछ ऐसा कि दौड़े आए पंडित धीरेंद्र शास्त्री

सुबह भी शावकों के पास बाघिन बैठी रही जिसके कारण भोपाल से आई वनविभाग की टीम दोनों घायलों का रेस्क्यू नहीं कर पा रही थी। मंगलवार को दोपहर बाद किसी तरह घायल शावकों को उठाया जा सका। दोनों घायल शावकों को ट्रेन से भीम बेटका तक लाए और यहां से वन विभाग की स्पेशल रेस्क्यू जीप से भोपाल के वन विहार ले जाया गया।
मृत शावक का बुधनी के वन प्रांगण में अंतिम संस्कार किया गया। शावकों के साथ हादसा भोपाल से करीब 60 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के बुधनी मिडघाट पर हुआ।

Hindi News / Bhopal / ऐसी होती है मां…ट्रेन से घायल हो गए दो शावक, जिंदा रखने के लिए रात भर सहलाती रही बाघिन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.