प्रज्ञा का भोपाल में किया स्वागत
साध्वी प्रज्ञा के उम्मीदवार बनते ही दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, उन्होंने ट्विटर के माध्यम से भोपाल में साध्वी प्रज्ञा का स्वागत किया। कहा- मैं साध्वी प्रज्ञा जी का भोपाल में स्वागत करता हूं। आशा करता हूं कि इस रमणीय शहर का शांत, शिक्षित और सभ्य वातावरण आपको पसंद आएगा। मैं माँ नर्मदा से साध्वी जी के लिए प्रार्थना करता हूं और नर्मदा जी से आशीर्वाद मांगता हूं कि हम सब सत्य, अहिंसा और धर्म की राह पर चल सकें। नर्मदे हर!
साध्वी के साथ उमा करेंगी दिग्विजय पर तीखा हमला
दिग्विजय सिंह ने प्रज्ञा पर भगवा आंतकवाद का आरोप लगाया था। प्रज्ञा ठाकुर ने भी दिग्विजय सिंह के खिलाफ कई बार बयान दिए। प्रज्ञा ठाकुर की छवि हार्ड हिन्दूत्ववादी संत की रही है। अब वो संत से नेता बनी हैं। साध्वी प्रज्ञा के साथ -साथ दिग्विजय सिंह को उमा भारती के भी तीखे हमला को सामना करना पड़ेगा। उमा भारती ने ट्वीट कर भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव प्रचार का एलान किया था। अब साध्वी प्रज्ञा के उम्मीदवार बनते ही एक साध्वी का साथ देने दूसरी साध्वी पहुंचेगी। साध्वी प्रज्ञा जहां हिन्द्त्व के मुद्दे पर दिग्विजय पर हमला बोलेंगी वहीं, उमा भारती राजनीतिक हमला बोलेंगी।
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा के उ्ममीदवार बनने पर उमा भारती ने कहा- भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर जी का भाजपा से उम्मीदवार बनने का मैं स्वागत करती हूं तथा उन्हें जीत की अग्रिम बधाई देती हू्ं। मुझे गर्व, संतोष एवं प्रसन्नता है, मेरी मनोकामना पूरी हुई। भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय जी को प्रज्ञा जी चुनाव में पराजित करें, यह बहुत सारे कारणों से बहुत जरूरी है। उनकी जीत में सिर्फ भाजपा ही नहीं जीतेगी, राष्ट्रवाद जीतेगा तथा भारतीय संस्कृति पर आतंक का दाग लगाने की कोशिश करने वाले लोग पराजित होंगे।
उमा भारती ने दिया था बंटाधार नाम
भाजपा दिग्विजय सिंह को बंटाधार के नाम से संबोधित करती है। 2003 के विधानसभा चुनाव में उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को बंटाधार कहा था। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार बनने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि बंटाधार रिटर्न।
भाजपा दिग्विजय सिंह को बंटाधार के नाम से संबोधित करती है। 2003 के विधानसभा चुनाव में उमा भारती ने दिग्विजय सिंह को बंटाधार कहा था। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार बनने के बाद पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा था कि बंटाधार रिटर्न।
मध्यप्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। 2003 में कांग्रेस की हार का कारण दिग्विजय सिंह को माना गया था। उसके बाद से मध्यप्रदेश में हर चुनाव में भाजपा कांग्रेस के साथ-साथ दिग्विजय सिंह के कार्यकाल पर वोट मांगती रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में खुद दिग्विजय सिंह ने कहा था कि प्रचार नहीं करेंगे। उनके प्रचार करने से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं। विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह सार्वजानिक मंचों में बोलने से बचते रहे। अब वो खुद मैदान में हैं और अपने लिए वोट मांग रहे हैं। हालांकि उन्होंने कार्यकर्ताओं से हाल ही में कहा था कि उन वोटरों पर फोकस करो जिन्होंने मेरा कार्यकाल नहीं देखा है।