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वो खतरनाक वायरस जो कोरोनावायरस से भी ज्यादा मचा चुके हैं तबाही

आइये जानते हैं उन 10 खतरनाक वायरसों के बारे में जो दुनिया में लोगों के लिए खतरा बनकर सामने आए थे।

भोपालMay 28, 2020 / 06:08 pm

Faiz

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वो खतरनाक वायरस जो कोरोनावायरस से भी ज्यादा मचा चुके हैं तबाही

भोपाल/ मध्य प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। यहां संक्रमण का शिकार होने वालों की संख्या 8 हजार के करीब पहुंच चुकी है। जबकि, 300 से ज्यादा मरीज अपनी जान गवा चुके हैं। देशभर में लॉकडाउन के दो माह बीत जाने के बाद भी संक्रमण पर नियंत्रण न होने के चलते लोगों में डर का माहौल बनने लगा है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं जब किसी वायरस का प्रकोप लोगों पर पड़ा हो। इससे पहले भी कई तरह के वायरस लोगों की परेशानी और जीवन-मरण का कारण बन चुके हैं।

आपको बता दें कि, अब तक हुई रिसर्चों में इस बात का खुलासा हुआ है कि, वायरस हमारी पृथ्वी के सबसे पुराने जीवों में से एक हैं। वैसे तो ये हर जगह होते हैं। कई वायरस हमारे स्वास्थ के लिए फायदेमंद होते हैं, तो कई नुकसानदे। दुनिया में ऐसा कोई जीव नहीं, जिनपर वायरस इंफेक्शन न हो सके। तो आइये जानते हैं उन 10 खतरनाक वायरसों के बारे में जो दुनिया में लोगों के लिए खतरा बनकर सामने आए थे। ये वायरस कोरोना से कई गुना ज्यादा घातक हैं।

 

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ये हैं दुनिया के 10 खतरनाक वायरस


-रोटा वायरस

रोटा वायरस को चाइल्ड किलर वायरस के नाम से भी जाना जाता है। ये वायरस अब भी दुनियाभर में हर साल करीब 5 लाख बच्चों की जान लेता है। ये नवजात बच्चों से लेकर 8 साल तक के बच्चों में घातक डायरिया फैलाता है, जो कई बार बच्चों की मौत का भी कारण बन जाता है।


-चेचक

दूसरे किसी भी वायरस की तुलना में चेचक के कारण दुनियाभर में अभ तक सबसे ज्यादा मौते हुई हैं। हालांकि, भारत ने इसपर फतेह पा ली है। बावजूद इसके ये अब तक दुनियाभर में 30 से 50 करोड़ मौतों का कारण बन चुका है। क्योंकि इस वायरस का R0 (इसे R-naught पढ़ा जाता है) यानी रिप्रोडक्शन नंबर 3.5 से 6 के बीच होता है। यानी इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति 3 से 6 लोगों को संक्रमण फैलाता है। इसका फैटेलिटी रेड 90 प्रतिशत होता है। हालांकि वैक्सिन की मदद से इसे दुनियाभर में खत्म किया जा चुका है।

 

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-मीजल्स

मीजल्स को आम भाषा में खसरा भी कहा जाता है। पिछले 150 सालों में इस संक्रमण के कारण करीब 20 करोड़ लोग अपनी जान गवा चुके हैं। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, खसरा के कारण हर साल करीब 2 लाख लोग इस संक्रमण से ग्रस्त होकर जान गवाते हैं। हालांकि, अब इसका भी वैक्सिन बनने से इसे बहुत हद तक कंट्रोल किया जा चुका है। लेकिन खसरा के मामले में सबसे बुरी बात यह है कि इस वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति 12 से 18 लोगों को संक्रमित करने में सक्षण होता है।


-डेंगू

डेंगू वायरस मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर अब तक दुनियाभर के 110 देशों में पाया जा चुका है। ये वायरस भी हर साल करीब 10 करोड़ लोगों को इंफेक्ट करता है, जिनमें से करीब 20 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इस वायरस की खास बात ये है कि, एक बार होने के बाद भी शरीर इसके खिलाफ पर्याप्त एंटी बॉडी नहीं बना पाता, जिसके चलते लोगों किसी व्यक्ति को दूसरी बार होने पर ये गंभीर स्थिति में पहुंचा देता है।

 

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-पीत ज्वर

जब किसी व्यक्ति में येलो फीवर की स्थिति बहुत अधिक गंभीर होती है तो उसकी नाक, आंख, मुंह और पेट से खून आने लगता है। इस स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों में से करीब 50 प्रतिशत लोगों को 7 से 10 दिनों के भीतर ही जान गवा देते हैं। आज भी येलो फीवर हर साल दुनियाभर में करीब 2 लाख लोगों को संक्रमित करता है, जिसमें से लगभग 30 हजार लोग अपनी जान गवा देते हैं।


-फ्लू

फ्लू के कारण दुनियाभर हर साल करीब 5 लाख लोगों की जान चली जाती है। सबसे खतरनाक फ्लू पैंडेमिक (पैंडेमिक उस बीमारी को कहते हैं जो दुनिया के बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में लेती है) जैसे स्पेनिश फ्लू ने करीब 10 करोड़ लोगों की जान ली थी। इस फ्लू को अब तक का सबसे खतरनाक पैंडेमिक फ्लू माना गया है।

 

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-रेबीज़

रेबीज को पुराने समय से ही बहुत खतरनाक माना गया है। रेबीज की बीमारी चमगादड़ या कुत्ते के काटने या नाखून गड़ाने से हो सकती है। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल 60 हजार लोगों की मौत हो जाती है। इनमें ज्यादातर मौतें अफ्रीका और सदर्न एशिया में होती हैं।

 

-हेपेटाइटिस-B या C

हेपेटाइटिस-बी के कारण दुनियाभर में हर साल करीब 7 लाख लोग अपनी जान गवा देते हैं। वर्तमान में ये सबसे खतरनाक संक्रमणों में से एक है। ये लीवर पर सबसे पहले अटैक करती है, जिससे व्यक्ति लीवर कैंसर या लीवर डैमेज का शिकार हो जाता है। इस बीमारी में अगर लिवर डैमेज हो जाए, तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता। हेपेटाइटिस-सी से दुनिया में हर साल करीब साढ़े तीन लाख लोगों की मौत होती है।

 

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-इबोला और मारबर्ग वायरस

इबोला और मारबर्ग वायरस आज की दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस में शामिल हैं। क्योंकि इनका अभी तक कोई पुख्ता इलाज या वैक्सीन इजात नहीं किया जा सका है। जबकि इन वायरस का फैटेलिटी रेट 90 प्रतिशत तक है। इन दोनों वायरस के लक्षण लगभग एक जैसे हैं। इनसे संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को हैमरेजिक फीवर, ऑर्गन फेलियर होता है।


-एचआईवी एड्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौजूदा समय में दुनियाभर में 4 करोड़ से ज्यादा लोग HIV वायरस से ग्रस्त हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले 30 साल से हर साल करीब 20 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गवा देते हैं। अब तक करीब ढाई करोड़ लोग इस बीमारी से मर चुके हैं।

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