भोपाल. राजधानी की हर सड़क और चौराहे पर ठेले और गुमठियों का जाल है। सड़कों पर सालों से छोटा मोटा व्यवसाय करने वाले इन विक्रेताओं के लिए योजनाएं तो खूब बनी है, लेकिन इसका लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है। नगर निगम में 80 हजार से अधिक पथ विक्रेताओं के पंजीयन है, जबकि गैरपंजीकृत विक्रेताओं को भी जोड़ दिया जाए तो इनकी संख्या 1 लाख से अधिक है, जबकि शहर में नगर निगम के सिर्फ 19 हॉकर्स कार्नर संचालित हो रहे हैं। हर वार्ड में हॉकर्स कार्नर बनाने की योजना तीन सालों से फाइलों में अटकी हुई है। नगर निगम की उदासिनता के चलते शहर गुमठीमुक्त नहीं हो पा रहा है।
राजधानी में जगह-जगह फुटकर विक्रेता सड़कों पर गुमठियां लगाकर व्यापार करने को मजबूर है। शहर की हर सड़क पर सड़कों के किनारे गुमठियां, ठेले लगे हुए हैं, लेकिन इनके लिए स्थायी ठिकाना नहीं हो पा रहा है। शहर के न्यू मार्केट, माता मंदिर, कोलार, अरेरा कॉलोनी, नर्मदापुरम रोड, जहांगीराबाद सहित पुराने शहर की सड़कों पर यह नजारा है। नर्मदापुरम रोड, कटारा, बावडि़या कला, गुलमोहर, न्यू मार्केट सहित शहर के कई क्षेत्रों में हॉकर्स कार्नर की दरकार है।
लोन लेकर लगा रहे गुमठी, लेकिन हटा देता है निगम हमारा पथ विक्रेता का लाइसेंस बना है, पहले 10 हजार उसके बाद 20 हजार का लोन लिया था, अब 50 हजार का लोन चल रहा है। पिछले दस सालों से गुमठी लगा रहे हैं। हम भी चाहते है कि कहीं न कहीं हॉकर्स कार्नर में जगह मिल जाए लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
महेंद्र सिंह परिहार, गुमठी संचालक स्थायी ठिकाना मिले तो राहत हम पिछले कई सालों से ठेला लगाकर घर परिवार चला रहे हैं, हम भी चाहते है कि हॉकर्स कार्नर बने और हमे स्थायी ठिकाना मिले, लेकिन इसके लिए कोई पहल नहीं होती है। ठेला लगाने पर निगम परेशान करता है, यहां वहां भटकना पड़ता है। शासन को छोटे विक्रेताओं की ओर भी ध्यान देना चाहिए।
रमेश प्रजापति, फल विक्रेता फुटकर विक्रेताओं के हकों की अनदेखी भोपाल जिले में तकरीबन 1 लाख 35 हजार और शहर में 85 हजार स्ट्रीट वेंडर्स पथ विक्रेता ठेला, गुमठी लगाकर आजीविका बचाने के लिए सालों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन नगर निगम फुटकर विक्रेताओं के हकों की अनदेखी कर रही है। 2014 में इसके लिए कानून बना था लेकिन आज तक न तो नगर विक्रय समिति का निर्वाचन करााय है, न ही ठेला, गुमठी व्यापारियों के रोजगार के लिए स्थान सुनिश्चित किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून की अनदेखी कर आए दिन अतिक्रमण के नाम पर गुमठी, ठेले वालों को हटाकर उनका रोजगार छीना जा रहा है। इस संबंध में हम कई बार ज्ञापन दे चुके हैं।
आरके उपाध्याय, मप्र पथ विक्रेता एकता संघ इनका कहना है हॉकर्स कॉर्नर के मामले में बेरोजगारों को आवंटन सूची में शामिल करने की कार्रवाई अगले सप्ताह से शुरु की जा रही है। शहर को व्यविस्थत करने फुटकर विक्रेताओं को केंद्र सरकार की योजना के अनुसार विस्थापित किया जाएगा।
हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त