इसके अलावा बाघ के रहवास विकास को तैयार किया जाएगा।
माधव नेशनल पार्क में 25 वर्ष पहले बाघ थे। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खनन माफिया के दबाव में वहां से बाघों को दूसरे नेशनल पार्कों में विस्थापित किया था। तब से इस पार्क में तेंदुआ, भालू सहित अन्य वन्य प्राणी रहते है, बाघ कभी दिखाई नहीं दिए।
माधव नेशनल पार्क में 25 वर्ष पहले बाघ थे। इसके बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने खनन माफिया के दबाव में वहां से बाघों को दूसरे नेशनल पार्कों में विस्थापित किया था। तब से इस पार्क में तेंदुआ, भालू सहित अन्य वन्य प्राणी रहते है, बाघ कभी दिखाई नहीं दिए।
कई बार राजस्थान के धौलपुर के जंगलों से यहां एकात बाघ आता था, इसके बाद फिर वहां से वपस लौट जाता था। यह पार्क विकसित होने से प्रदेश में बढ़ रहे बाघों को एक नया ठिकाना मिल जाएगा। क्योंकि माधव नेशनल पार्क का एरिया 30 हजार स्क्वायर किलोमीटर का है।
यहां तैयार किए जाएंगे घास के मैदान
पार्क में जगह जगह घास के मैदान तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा पार्क में वन्य प्राणियों के पानी के लिए छोटे छोटे तालाब की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे वन्य प्राणियों के लिए चारे-पानी की पार्याप्त उपलब्धता हो। इससे बाघों के अलावा यहां शाकाहारी वन्य प्राणिायों को भी नए सिरे से विस्थापित किया जाएगा। जिससे बाघों को शिकार के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़े।
यहां तैयार किए जाएंगे घास के मैदान
पार्क में जगह जगह घास के मैदान तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा पार्क में वन्य प्राणियों के पानी के लिए छोटे छोटे तालाब की भी व्यवस्था की जाएगी, जिससे वन्य प्राणियों के लिए चारे-पानी की पार्याप्त उपलब्धता हो। इससे बाघों के अलावा यहां शाकाहारी वन्य प्राणिायों को भी नए सिरे से विस्थापित किया जाएगा। जिससे बाघों को शिकार के लिए इधर उधर नहीं भटकना पड़े।
—–
बढेगी पर्यटकों की संख्या
माधव नेशनल पार्क में बाघों को आबाद किया जाएगा। इससे लगे हुए नेशनल पार्क कूनोपालपुर में चीता को बसाया जा रहा है। इसी पार्क में घडिय़ालों को भी बसाया गया है। इससे पर्यटक सबसे पहले भ्रमण के लिए इन्हीं क्षेत्रों को ज्यादा पसंद करेंगे। क्योंकि ग्वालियर में अब सभी बड़े शहरों से हवाई जहाज कनेक्टिविटी भी हो गई है।
मंत्री सिंधिया ने लिखा पत्र
केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी माधव नेशनल पार्क में बाघ बसाने के लिए केन्द्र वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसके साथ ही इस पार्क में बाघों के बसाने पर होने वाली राशि को रिलीज करने और पार्क में काम कराने के लिए कहा है।
बढेगी पर्यटकों की संख्या
माधव नेशनल पार्क में बाघों को आबाद किया जाएगा। इससे लगे हुए नेशनल पार्क कूनोपालपुर में चीता को बसाया जा रहा है। इसी पार्क में घडिय़ालों को भी बसाया गया है। इससे पर्यटक सबसे पहले भ्रमण के लिए इन्हीं क्षेत्रों को ज्यादा पसंद करेंगे। क्योंकि ग्वालियर में अब सभी बड़े शहरों से हवाई जहाज कनेक्टिविटी भी हो गई है।
मंत्री सिंधिया ने लिखा पत्र
केन्द्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी माधव नेशनल पार्क में बाघ बसाने के लिए केन्द्र वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। इसके साथ ही इस पार्क में बाघों के बसाने पर होने वाली राशि को रिलीज करने और पार्क में काम कराने के लिए कहा है।