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भोपाल

कुबेरेश्वर और बागेश्वर धाम की बढ़ती लोकप्रियता ने जमीन को बना दिया सोना

– ग्रामीणों को कोई खास रोजगार तो नहीं मिला लेकिन जमीनों के दामों में पांच से दस गुना का उछाल
– जो जमीन पहले 10 लाख एकड़ अब पहुंची 80 लाख से 1 करोड़
– कथा के वक्त लोगों ने एक गद्दा और खाट बिछा कर शुरू किया होम स्टे
– स्नान की व्यवस्था कर भी ग्रामीण कमा रहे प्रति व्यक्ति 100 रूपए

भोपालApr 12, 2023 / 07:49 pm

Roopesh Kumar Mishra

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भोपाल@रूपेश मिश्रा

सूबे की सियासत से लेकर सोशल मीडिया में लगातार चर्चाओं में रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री और सीहोर के कुबेरेश्वर धाम के पं. प्रदीप मिश्रा की जैसे- जैसे लोकप्रियता बढ़ी है। वैसे- वैसे ही इनके धाम के आसपास की जमीनों के भाव बढ़े हैं। पत्रिका की पड़ताल में सामने आया है कि इनके धाम के आसपास यूं तो कोई खास विकास नहीं हुआ है। लेकिन जमीनों के दामों में 5 से 10 गुना तक का इजाफा हुआ है। दिलचस्प ये है कि इतनी तेजी से जमीनों के दाम महज कुछ वर्षों में बढ़े हैं। साथ ही गांव वालों ने बढ़ती भीड़ को देखते हुए होम स्टे भी शुरू कर दिया है। कच्चे-पक्के मकानों में ही एक गद्दा और चारपाई डालकर 100 रूपए से लेकर 500 तक में किराए से घर भी देने लगे हैं। क्योंकि जब इनकी कथा चलती है तब दूर- दूर से लोग आते हैं ऐसे में ठहरने की कोई व्यवस्था न होने से लोग होम स्टे का सहारा लेते हैं।

पुराने और देसी घरों की चमक गई किस्मत

छतरपुर जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर गढ़ा गांव के बागेश्वर धाम की प्रसिद्धी के साथ इलाके में कई बदलाव भी आए हैं। मुख्य मार्ग से कटे रहने वाले इस गांव में अब सड़क संपर्क बेहतर होने के साथ ही प्रॉपर्टी के दाम पांच गुना बढ़ गए हैं। वर्ष 2020 तक गांव में जमीन 2 लाख रुपए एकड़ में उपलब्ध हो जाती थी, लेकिन अब 10 लाख रुपए एकड़ तक दाम हो गए हैं। कथा के दौरान लाखों श्रद्धालुओं के आने के चलते गांव के घर-घर में होम स्टे खुल गए हैं। जहां सिर्फ एक गद्दा व सोने की जगह के बदले 100 से 500 रुपए प्रतिदिन की आमदनी हो रही है। ऐसे में गांव के पुराने व देसी घरों की कीमत भी 5 से 10 गुना तक बढ़ गई है।

रोजगार नहीं बढ़े लेकिन जमीनों के दाम दस गुना तक बढ़े

कोरोना के बाद से एकाएक चर्चाओं में आए पं. प्रदीप मिश्रा का आश्रम कुबेरेश्वर धाम सीहोर जिले से 12 किलोमीटर दूर स्थित है। जहां रोजगार के लिहाज से कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन जमीनों के दाम 10 गुना तक बढ़ गए हैं। यानी आश्रम के आसपास की जो जमीन पहले 10 से 12 लाख रूपए एकड़ में मिलती थी। वो जमीन अब 80 लाख से 1 करोड़ में बिक रही है। कुलमिलाकर आश्रम के जितनी नजदीक जमीन उतने दाम। इसी के साथ जब रूद्राक्ष महोत्सव होता है तब घर- घर होम स्टे शुरू हो जाता है। ये काम उस वक्त इतना तेजी से चलता है की लोग स्नान की व्यवस्था कर भी प्रति व्यक्ति 100 रूपए ले लेते हैं।

बागेश्वर धाम
चर्चित होने से पहले जमीन के भाव—चर्चित होने के बाद के भाव
2 लाख रूपए एकड़—-10 से 12 लाख रूपए एकड़

कुबेरेश्वर धाम
चर्चित होने से पहले जमीन के भाव—चर्चित होने के बाद के भाव
10 लाख रूपए एकड़—–80 लाख से 1 करोड़ एकड़

(ये आश्रम के नजदीक वाली जमीनों के भाव)

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