मध्यप्रदेश में सेवानिवृत्ति की कगार पर खड़े कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। उनकी पेंशन और लंबित बिलों के भुगतान का निपटारा अब सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले से प्रारंभ हो जाएगा। इसके लिए प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों, अधिकारियों को उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया जाएगा। सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और लंबित भुगतानों के विवाद खत्म करने के लिए यह पहल की गई है।
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स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि प्रतिनियुक्ति की अवधि केवल दो साल की होती है। बेहद जरूरी होने पर इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। निर्धारित अवधि के बाद सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने मूल विभाग में लौटना ही होगा।
स्वास्थ्य विभाग ने साफ कर दिया है कि प्रतिनियुक्ति की अवधि केवल दो साल की होती है। बेहद जरूरी होने पर इसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है। निर्धारित अवधि के बाद सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने मूल विभाग में लौटना ही होगा।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने सभी विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों के लिए इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। इसके अंतर्गत विभिन्न संस्थाओं में प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों, अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के 6 माह पहले हर हाल में अपने मूल विभाग में वापस कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य स्वत्वों के मामलों में बेहद कठिनाई होती है। प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों, अधिकारियों का यूनिक एम्पलाई कोड स्वास्थ्य सेवाओं के संचालनालय से स्थानांतरित हो जाता है, जिससे खासतौर पर पेंशन में समस्या आती हैं।
सेवानिवृत्ति के छह माह पहले मूल विभाग में वापस आ जाने से कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने पेंशन के मामलों में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों, कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य स्वत्वों के मामलों में बेहद कठिनाई होती है। प्रतिनियुक्ति पर गए कर्मचारियों, अधिकारियों का यूनिक एम्पलाई कोड स्वास्थ्य सेवाओं के संचालनालय से स्थानांतरित हो जाता है, जिससे खासतौर पर पेंशन में समस्या आती हैं।
सेवानिवृत्ति के छह माह पहले मूल विभाग में वापस आ जाने से कर्मचारियों, अधिकारियों को अपने पेंशन के मामलों में किसी भी तरह की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।