प्राथमिकता का कारण
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से सरकार की प्राथमिकता में चंबल एक्सप्रेस वे है। वे खुद बार-बार अपडेट लेते हैं। इसके चलते सीएम शिवराज सिंह ने भी इस प्रोजेक्ट को प्राथमिकता पर रखा है। शिवराज ने अफसरों को लक्ष्य बनाकर इस प्रोजेक्ट को तय सीमा में करने के लिए निर्देश दिए हैं।
मंशा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले चंबल एक्सप्रेस वे का पूरा बेस प्रोजेक्ट क्रियान्वित कर दिया जाए। इसी कारण निजी जमीन अधिग्रहण के लिए दिसंबर 2021 का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अधिग्रहण की बाकी रस्मअदायगी पूरी करके प्रोजेक्ट को शुरू किया जा सकेगा। प्रोजेक्ट के तहत यह एक्सप्रेस वे मप्र में 313 किमी बनना है।
धन संबंधी सभी दिक्कत दूर कर देता है 10 मिनिट का यह स्तोत्र
यह राजस्थान, मध्यप्रदेश और उप्र को जोड़ेगा। यह कॉरिडोर श्योपुर, मुरैना और भिंड जिले से होकर गुजरेगा। मध्यप्रदेश के इस इलाके के लिए यह सबसे बडा हाइवे होगा. इसमें कुल 3093 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है, जिसमें से 1300 हेक्टेयर निजी जमीन दिसंबर तक अधिग्रहित करने का लक्ष्य रखा गया है।