भोपाल

भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया तब से हुई बरेदी नृत्य की शुरुआत

गमक शृंखला में बरेदी और कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति

भोपालAug 29, 2021 / 11:17 pm

mukesh vishwakarma

भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया तब से हुई बरेदी नृत्य की शुरुआत

भोपाल. संस्कृति विभाग की एकाग्र शृंखला गमक में रविवार को जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी की ओर से सागर के मनीष यादव और साथियों ने बरेदी नृत्य की प्रस्तुति दी। वहीं राजस्थान के कालूनाथ एवं साथियों ने कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुत दी। कार्यक्रमों का प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया गया।

बंसी बजावत आए रे…
इस प्रस्तुति की शरुआत सागर के मनीष यादव ने बरेदी नृत्य से की। कलाकारों ने वृंदावन को कृष्ण कन्हैया…, बंसी बजावत आए रे…, ठुमक कन्हैया निंग चले…, धर गोकुल की गैल रे… और वृंदावन बंसी बजी मोहे तीनऊ लोक रे… लोक गीतों पर नृत्य किया। इस नृत्य की परंपरा द्वापर युग में शुरू हुई। जब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया और गोकुल-वृंदावन के लोगों की रक्षा की। तब से ग्वाल समुदाय के लोगों में बरेदी नृत्य की परंपरा चली आ रही है।

कालबेलिया राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक
वहीं कालबेलिया नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य कालबेलिया (सपेरा जाति) के द्वारा किया जाता है। कालबेलिया नृत्य में सिर्फ स्त्रियां ही भाग लेती हैं। इस नृत्य में पुरुष सिर्फ इकतारा वाद्ययंत्र लेकर संगत करते हैं।

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