विदिशा जिले के सिरोंज के सांकला गांव में जन्म यह बच्ची (Bizarre baby born in MP) अजूबा बनी हुई है। बड़े डॉक्टर भी हैरान हैं। सिरोंज के राजीव गांधी स्मृति चिकित्सालय (rajeev gandhi memorial hospital) के शिशु रोग विशेषज्ञ (pediatrician) डॉक्टर सुरेश अग्रवाल कहते हैं कि यह विकृति जन्मजात हो सकती है। लाखों मामलों में एक केस ऐसा होता है।
भोपाल के डाक्टर सीएमएचओ एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर तिवारी भी इस बच्ची के जन्म से हैरान हैं, वे कहते हैं कि उन्होंने अपने करियर में इस प्रकार की घटना पहली बार हुई है। तिवारी कहते हैं कि यह विकृति टेट्र अमेलिया बीमारी (Tetra amelia syndrome case in Madhya Pradesh) के कारण हो सकती है। ये जेनेटिक है, जो परिवार के किसी सदस्य के जीन में दबी हो सकती है। बहरहाल, बच्ची के फोटो वायरल होने के बाद कोई इसे भगवान का अवतार मान रहा है तो कोई इसे बीमारी या विकृति के नजरिये से देख रहा है।
आस्ट्रेलिया जन्मा था ऐसा ही अजूबा
इससे पहले 4 दिसंबर 1982 को आस्ट्रेलिया में एक बच्चे का जन्म हुआ था। निक नाम के इस बच्चे के भी दोनों हाथ और पैर नहीं थे। पैर की जगह सिर्फ एक छोटा-सा पंजा था, लेकिन निक की फैमिली ने उसे इस विक्रति का अहसास नहीं कराने दिया। परिवार के सहयोग से अब वो बड़ा हो गया है और आम लोगों की जिंदगी जी रहा है। वो कभी फुटबॉल खेलता है तो कभी गोल्फ, तभी स्वीमिंग करता है तो कभी सर्फिंग करता है। अब वो एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में अपना करियर बना रहा है। उसने ‘एटिट्यूड इज एटिट्यूड’ नामक कंपनी भी बनाई है। जिंदगी से कभी हार नहीं मानी, दुनिया के 44 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुका है और बगैर हाथ-पैर भी वो जिंदगी को हंसी खुशी जी रहा है। अब दुनिया के लिए मिसाल बन चुका है।
इंडोनेशिया में भी आया था ऐसा मामला
इंडोनेशिया के रहने वाले 11 साल के बच्चे की भी ऐसी ही कहानी है। यह बच्चा बगैर हाथ-पैरों के ही दुनिया में आया था, जैसे-जैसे उसने जिंदगी में जीना सीखा और अब वीडियो गेम बड़े से खेलता है। यह अपने इस शौक को पसलियों और ठुड्डी की मदद से पूरा कर लेता है। इतना ही नहीं स्कूल भी जाता है और पढाई भी करता है। बच्चे की मां कहती है कि सुबह नहाने के बाद वो वीडियो गेम खेलने लग जाता है और तब तक खेलता है जब तक इसके टीचर उसको स्कूल के लिए नहीं ले जाते।
क्या है ट्रेटा अमेलिया
टेट्रा-अमेलिया सिंड्रोम (Tetra amelia syndrome) एक बहुत ही दुर्लभ विकार माना जाता है। इस विकार की यह खासियत है कि इसमें जन्म लेने वाले बच्चे के शरीर के सभी चार अंग नहीं रहते हैं। इस बीमारी में शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर पड़ता है, जिसमें चेहरा और सिर, हृदय, तंत्रिका तंत्र, कंकाल और जननांग शामिल हैं। फेफड़े कई मामलों में अविकसित होते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल या असंभव-सा हो जाता है।