भोपाल

शेड्यूल रेट से कम के टेंडरों पर लगेगी रोक, बनेगी नई नीति

– निर्माण सहित अन्य कामों की टेंडरिंग, तकनीकी सामग्री के लिए भी नए नियम आएंगे

भोपालFeb 11, 2020 / 09:35 pm

जीतेन्द्र चौरसिया

Tenders below schedule rate will be banned, new policy will be made

भोपाल। प्रदेश में निर्माण कामों सहित अन्य सरकारी ठेकों में अब करंट शेड्यूल रेट से कम के टेंडर पर रोक लगेगी। सरकार इसके लिए नए नियम ला सकती है। दरअसल, अनेक कामों में ठेकेदार सरकार के निर्धारित न्यूनतम रेट से भी कम रेट टेंडर में भरते हैं।
इससे सरकारी टेंडर की स्क्रूटनी सहित अन्य पूरी प्रक्रिया निरर्थक हो जाती है। इस कारण सरकार यह व्यवस्था कर सकती है कि शेड्यूल रेट से यदि कम ठेकेदार को भरना है, तो वह टेंडर ही नहीं भरे। एेसे में ठेकेदार को टेंडर आवेदन करने के लिए शेड्यूल रेट या उससे ऊपर ही रेट देना होंगे।

पिछले दिनों सीएम कमलनाथ ने हैलीकॉप्टर व विमान बिक्री संबंधित प्रस्ताव के दौरान पूर्व में कम रेट आने को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद नियमों को अपग्रेड करने को लेकर विचार-मंथन शुरू हुआ है। सीएम ने निर्देश दिए हैं कि विभिन्न सरकारी कामों में इसके लिए नियम बनाए जाए।
ताकि, शेड्यूल रेट को लेकर जवाबदेही की स्थिति बन सके। अनेक कामों में सरकार को शेड्यूल रेट से कम टेंडर आने की स्थिति में पूरी टेंडर प्रक्रिया करने के बावजूद बार-बार टेंडर करना पड़ते हैं। कुछ विभागों में शेड्यूल रेट से कम रेट आने के कारण चार-पांच बार भी एक ही मामले में टेंडर हो चुके हैं। इस प्रवृत्ति को ही अब बदलने के लिए नए नियम लाए जा सकते हैं।

सिक्योरिटी राशि के लिए भी नियम आएंगे-
सरकार सिक्योरिटी राशि के लिए भी कॉमन रूल्स तैयार करने पर विचार कर रही है। इसमें टेंडर का एक निश्चित शेयर सिक्योरिटी राशि के लिए फिक्स किया जा सकता है। यह निर्माण कामों के अलावा दूसरे टेंडरों के लिए ज्यादा अहम है। वजह ये कि निर्माण कामों में बीस से पच्चीस फीसदी तक सिक्योरिटी राशि रहती है।
वहीं खनिज विभाग में पचास फीसदी तक ठेकों की सिक्योरिटी राशि कर दी गई है। इसी तरह जिन मामलों में सिक्योरिटी या अर्नेस्ट मनी दो-पांच फीसदी रखी जाती है, उन मामलों में कॉमन रूल लाकर प्रतिशत बढ़ाया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रिानिक खरीदी सहित अन्य तकनीकी खरीदी के टेंडर आते हैं।

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