एमपी के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के बयान से राज्य के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों में आक्रोश गहरा गया है। वे मंत्री के विरोध पर उतर आए हैं। सोमवार को सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार सामूहिक छुट्टी पर चले गए।
तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की नाराजगी का असर राजधानी भोपाल में भी दिखाई दिया। सोमवार को वे टीएल (समयावधि) की मीटिंग में तो शामिल हुए लेकिन कोई काम नहीं किया। इसके बाद तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों ने
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को ज्ञापन सौंपा और घर चले गए। इन सभी अधिकारियों ने सोमवार से 3 दिन का अवकाश लेने की बात कही है।
तहसीलदार और नायब तहसीलदार, राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा द्वारा एक महिला तहसीलदार पर की गई टिप्पणी से नाराज हैं। उन्होंने अपने ज्ञापन में इस घटना का उल्लेख करते हुए मंत्री के बयान का विरोध किया। मंत्री करणसिंह वर्मा ने 10 जनवरी को महिला तहसीलदार पर टिप्पणी की थी। इससे आक्रोशित तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों ने सोमवार को विरोध जताते हुए सामूहिक अवकाश ले लिया।
मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के पदाधिकारियों ने तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश पर जाने की पुष्टि की। राजस्व अधिकारी संघ के अनुसार मंत्री के बयान के विरोध में सभी अधिकारी 13 जनवरी से 15 जनवरी तक सामूहिक रूप से अवकाश पर रहेंगे।
मीटिंग के बाद छुट्टी पर गए
भोपाल में सोमवार सुबह तहसीलदारों ने अपनी बैठक बुलाई जिसमें मामले पर चर्चा की। इसके बाद कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। तहसीलदारों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने के कारण राजस्व संबंधी सभी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।