लोगों की जमीन का अधिग्रहण होने पर मुआवजे की जगह अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) सुविधा मिलेगी। इसके लिए डेवलपमेंट राइट्स सर्टिफिकेट जारी होंगे। पोर्टल पर एफएआर खरीदे-बेचे जा सकेंगे। डेवलपर्स का कहना है, वर्तमान हालातों के हिसाब से नियमों में बदलाव की जरूरत है।
टीडीआर नियम में अभी भी बदलाव की जरूरत है। मिड व हाइराइज बिल्डिंग में टीडीआर से मिली अतिरिक्त एफएआर का इस्तेमाल हो सकता है। – मनोज मीक, संरक्षक, शहरी उत्कृष्टता
क्या है टीडीआर
राज्य में कोई निजी भूमि सरकारी प्रोजेक्ट में गई तो मुआवजे में सरकार अतिरिक्त टीडीआर देगी। इसे जमीन मालिक बची भूमि पर अतिरिक्त एफएआर के साथ भवन निर्माण कर सकेगा या डेवलपर्स को बेच सकेगा। प्रदेश के बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन की विकास योजनाओं में 24 मीटर या अधिक चौड़ाई के रोड के तहत आने वाली जमीनें इसमें अधिसूचित हैं। योजना रीवा, सतना नगर निगम क्षेत्र के लिए भी है।
क्या होंगे फायदे
1- अतिरिक्त निर्माण
नगरीय निकायों में निजी भूमि के सरकारी प्रोजेक्ट में जाने पर सरकार मुआवजे में टीडीआर देगी। भूस्वामी इसका उपयोग कर बचे प्लॉट, मकान पर अतिरिक्त निर्माण कर सकेंगे। 2- बेच सकेंगे
बची जमीन पर निर्माण न करने पर भूस्वामी टीडीआर बिल्डर को बेच सकेंगे। बिल्डर अतिरिक्त एफएआर खरीदकर इस्तेमाल कर सकेगा। यह खरीद-बिक्री ऑनलाइन पोर्टल पर होगी।
भोपाल में यहां फायदा
मिसरोद बर्रई रोड पर प्रभावित किसानों को फायदा मिल सकता है। बीडीए के यहां किसानों की जमीन लेने और विकसित करने की शर्त के बीच विवाद है। इस पोर्टल से जमीन अधिग्रहण व एफएआर की खरीदी-बिक्री का काम आसान होगा।