जानकार बताते हैं, एड्स के मामले में नया ट्रेंड सामने आया है। टैटू में इस्तेमाल निडिल से भी एचआइवी संक्रमण बढ़ रहा है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेश (नाको) के अनुसार, निडिल से संक्रमित एड्स के मरीज बनने वालों की संख्या में एमपी देश में छठे स्थान पर है।
इन दो केस से समझें एचआइवी संक्रमण
केस-1 भोपाल के 28 साल के युवक ने जनवरी 2022 में न्यू मार्केट में सड़क किनारे टैटू बनवाया। अगस्त 2022 में एड्स का शिकार हो गया। केस-2 इंदौर का 33 वर्षीय युवक अप्रेल 2021 में मुंबई घूमने गया था। उसने सड़क किनारे पार्लर से टैटू बनवाया। 7 माह बाद हालत बिगड़ी और एड्स की पुष्टि हो गई।
शॉकिंग फैक्ट्स
आंकड़े के अनुसार 2011-12 और 2020-21 में देश में 45864 लोग निडिल संक्रमण से एड्स के शिकार हुए। 15924 मरीजों के साथ पंजाब शीर्ष पर है। 5841 मरीजों के साथ दिल्ली दूसरे पायदान पर 5,569 मरीजों के साथ यूपी तीसरे स्थान पर 4906 मरीजों के साथ मणिपुर चौथे और 2594 मरीजों के साथ मिजोरम 5वें स्थान पर है।
एमपी में 10 साल में 1,768 लोग निडिल संक्रमण से एड्स के मरीज बने।
इसलिए फैलता है संक्रमण
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. योगेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, कई बार टैटू बनवाते समय त्वचा छिल जाती है। निडिल शरीर के ब्लड और प्लाज्मा के संपर्क में आती है। एचआइवी, हेपेटाइटिस और अन्य संक्रमित बीमारियां का खतरा बढ़ जाता है। टैटू बनवाने के बाद त्वचा में एलर्जी हो या खुजली महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ये भी पढ़ें: पत्रिका पढ़कर गर्भवती ने साइबर ठगों को दिया करारा जवाब, अपराधियों को काटना पड़ा फोन ये भी पढ़ें: UK-Germany से 78 हजार करोड़ का निवेश लाए सीएम, लौटते ही किया बड़ा ऐलान