इसके अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती स्वाइन फ्लू के संदिग्ध 15 मरीजों को दिए जा रहे उपचार की जानकारी मांगी है। डॉ. डहेरिया का दावा है कि हमीदिया और जेपी अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड तैयार हैं। संदिग्ध मरीजों के स्आब के रोजाना नमूने लिए जा रहे हैं। मालूम हो कि इससे तीन महीने पहले एक महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है।
स्वाइन फ्लू आंकड़े
वर्षं___संदिग्ध_____पॉजीटिव___मौत
2009___78_______08_______00
2010___619______139______39
2011___79_______03_______01
2012___408______66_______12
2013___344______35______09
2014___60_______07______04
2015___2200_____752_____78
2016___591______82_______12
2017___685 _____171______31
2018 ___254 ____35_______03
2019 ___564 _____32_______02
लापरवाही: बच्चों के वार्ड के पास स्वाइन फ्लू वार्ड
हमीदिया अस्पताल में स्वाइन फ्लू के वार्ड को कमला नेहरू अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। यहां वार्ड के पास ही नेत्र रोग विभाग का वार्ड है। मरीजों के परिजन वार्ड के बाहर ही बैठे रहते हैं। स्वाइन फ्लू के मरीज पीडियाट्रिक वार्ड से होकर गुजरते हैं।
ऐसे में अन्य मरीजों को भी स्वाइन फ्लू के संक्रमण का खतरा बना रहता है। आइसोलेटेड वार्ड में दो बिस्तर हैं। नर्स ने बताया कि डॉक्टर नहीं रहते इसलिए मरीजों को नहीं रखते। स्वाइन फ्लू के साधारण मरीजों को मेडिकल-टू वार्ड में रखते हैं, क्योंकि वहां वेंटिलेटर और डॉक्टर हैं।
ऐसे करें बचाव
खांसते-झींकते समय टिशू पेपर से कवर रखें, फि र नष्ट कर दें।
बाहर से आकर हाथों को साबुन से धोएं और एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण हों तो मास्क पहनें, घर में ही रहें।
स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से हाथ मिलाने से बचें, बार-बार हाथ धोएं।
लाइलाज नहीं बीमारी
हमीदिया के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. लोकेंद्र दवे के मुताबिक स्वाइन फ्लू लाइलाज नहीं है। थोड़ा ऐहतियात बरतकर बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। इसके लक्षणों में 100 डिग्री से ज्यादा का बुखार आम है। सांस लेने में तकलीफ , नाक से पानी बहना, भूख न लगना, गले में जलन और दर्द, सिरदर्द, जोड़ों में सूजन, उल्टी और डायरिया भी हो सकता है।