क्या कहा स्वरा भास्कर ने?
स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘लोकसभा चुनाव 2019 की एक और दावेदारों की एक और शानदार सूची। संभावित आतंकवादी, मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा। नफरत और विभाजन के एजेंडे में बीजेपी बिल्कुल नग्न।’ बता दें कि इससे पहले स्वरा भास्कर ने भाजपा नेता मेनका गांधी के एक भाषण पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।
स्वरा भास्कर ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘लोकसभा चुनाव 2019 की एक और दावेदारों की एक और शानदार सूची। संभावित आतंकवादी, मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा। नफरत और विभाजन के एजेंडे में बीजेपी बिल्कुल नग्न।’ बता दें कि इससे पहले स्वरा भास्कर ने भाजपा नेता मेनका गांधी के एक भाषण पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी।
दिग्विजय के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा
कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। दिग्विजय सिंह 16 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2003 में राघौगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2003 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने 10 सालों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा ने इस बार दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। दिग्विजय सिंह 16 साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 2003 में राघौगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। 2003 में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने 10 सालों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। भाजपा ने इस बार दिग्विजय सिंह के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को मैदान में उतारा है।
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
राष्ट्रीय फलक पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं जब उनका नाम 2008 में मालेगांव ब्लास्ट से जुड़ा। उसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। 9 साल बाद जब जमानत पर वो बाहर आईं तो कहा था कि कांग्रेस की सरकार ने उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी हैं। साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया था। प्रज्ञा 2007 में आरएसएस के प्रचारक रहे सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थी। बाद में उस मामले में भी बरी हो गई। वह मध्यप्रदेश की भिंड की रहने वाली हैं। उनका सूरत में भी आश्रम है।
राष्ट्रीय फलक पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं जब उनका नाम 2008 में मालेगांव ब्लास्ट से जुड़ा। उसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। 9 साल बाद जब जमानत पर वो बाहर आईं तो कहा था कि कांग्रेस की सरकार ने उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी हैं। साथ ही उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया था। प्रज्ञा 2007 में आरएसएस के प्रचारक रहे सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थी। बाद में उस मामले में भी बरी हो गई। वह मध्यप्रदेश की भिंड की रहने वाली हैं। उनका सूरत में भी आश्रम है।