संसद में क्या बोली थी सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज ने संसद में जहरीले कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध करते हुए कहा था कि एक प्रश्न है जो बहुत बड़ा है। इस फैक्ट्री में आज भी 20 हजार मीट्रिक टन रसायन बचा हुआ है। उस कचरे का नष्ट कैसे किया जाए। यह एक बड़ा यक्ष प्रश्न बना हुआ है। फैक्ट्री वाले कहते हैं इसे पीथमपुर में ले जाओ, पीथमपुर इंदौर के पास धार जिले का एक औद्योगिक क्षेत्र है, वहां ले जाकर इसको नष्ट कर दो।’
कचरा को अमेरिका क्यों नहीं भेजा जा सकता
आगे उन्होंने कहा था कि ‘मैं पूछना चाहती हूं कि जब MIC (मिथाइल आइसोसाइनेट) आयात करके आती थी अमेरिका से, और जब यह रसायन भोपाल से बंद टैंकरों में पीथमपुर ले जाया जा सकता है, तो यह रसायन बंद टैंकरों में अमेरिका वापस क्यों नहीं भेजा जा सकता। उनके यहां बड़े-बड़े अच्छे इंसीनरेटर हैं। हमारे यहां वो उपकरण नहीं है। उनके यहां वो हजारों-हजार, लाखों-लाख मीट्रिक टन रसायन को नष्ट किया जाता हैं। हमारे यहां अगर थोड़ा सा रसायन भी विनाश से पहले एक और विनाश कर गया, तो एक और भोपाल घट जाएगा।’ इस पूरे कचरे को नष्ट करने के लिए हमें वापस अमेरिका भेजना चाहिए। मैं आपसे कहना चाहती हूं उपाध्यक्ष जी, पहली बार कि मेरे बोलते समय घंटी बजी। मैं तो घंटियां खड़का-खड़का कर इनको सुनाना चाह रही थी, क्योंकि धीरे-धीरे आत्मा जाग रही है लोगों की।’
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