जमीनों के रेट का वास्तविक मूल्य सामने लाने होगा सर्वे
भोपाल. नई कलेक्टर गाइडलाइन में जमीन के रेट तय करने अधिक दरों पर हुई रजिस्ट्री को आधार बनाकर दस्तावेज उप जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में प्रस्तुत किए गए। दस्तावेज देखने के बाद समिति अध्यक्ष और एसडीएम हुजूर आकाश श्रीवास्तव ने पंजीयन अधिकारियों को निर्देश दिए, इसमें वास्तविकता लाने और सर्वे की जरूरत है।
प्रस्ताव को लौटाते हुए कहा, गहन अध्यन करने के बाद रेट तय किए जाएं। बेवजह रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे, उसे प्रॉपर शीट में भरकर प्रस्तुत करना होगा। शनिवार को अगली बैठक होगी, जिसमें सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार भी शामिल होंगे। रेट, लोकेशन फाइनल कर प्रस्ताव को जिला मूल्यांकन समिति के पास भेजा जाएगा। जिले में 3787 लोकेशन हैं, जहां जमीन के रेट तय किए जाने हैं।
वर्ष 2020-21 की नई कलेक्टर गाइडलाइन का प्रस्ताव तैयार कर रहे अफसरों ने अधिक दरों पर हुई रजिस्ट्री की 577 लोकेशनों को प्रस्ताव में शामिल किया है। इसमें कई लोकेशन कमर्शियल बताई जा रही हैं। बिना जांच के ऊंची दर पर हुई रजिस्ट्री को देखकर करीब चार दर्जन लोकेशन प्रस्ताव में शामिल हैं, जबकि वो रजिस्ट्रियां सिर्फ लोकेशन व कमर्शियल बेल्ट से अधिक दरों पर हुईं। इसमें दुकान, शोरूम, गोदाम व अन्य की रजिस्ट्री हैं। बैठक में रखे गए दस्तावेजों में इस तरह के फैक्ट देखने के बाद ही एसडीएम जमीनी स्तर पर सर्वे की जरूरत बताई है।
अधिक लोन से बढ़ रही हैं रजिस्ट्री में कॉस्ट
हर बार जमीन के रेट तय करते समय अधिक दरों पर हुई रजिस्ट्री को ही आधार मानकर रेट प्रस्तावित कर देते हैं। इस बार तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों ने सर्वे किया तो स्थिति साफ हो जाएगी। क्योंकि ऊंचे दर पर रजिस्ट्रियां अधिक लोन की वजह से हो रही हैं।