सुप्रीम कोर्ट के 10 अप्रैल 2006 को जारी आदेश पर अफसरशाही ने पेंच लगाया। आदेश यह जारी किया कि विभागों में पद खाली होने पर नियमित करें। ऐसे में वे नियमित नहीं हो सके। मामला फिर शीर्ष कोर्ट और हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 200 से अधिक याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर फैसला दिया। कोर्ट ने इसका पालन 120 दिन में करने को कहा। बता दें, पीएचई, पीडब्ल्यू, वन, जल संसाधन, आदिम जाति, उद्यानिकी, महिला बाल विकास, नगरीय निकायों में सर्वाधिक दैनिक वेतनभोगी हैं।
संबंधित खबर – 12 लाख कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और एचआरए को लेकर यह है अपडेट
मध्यप्रदेश के 12 लाख सरकारी कर्मचारियों को समय पर महंगाई भत्ता, महंगाई राहत और वाहन भत्ता नहीं दिया जा रहा है। इस कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी है। कर्मचारियों ने लाडली बहनों की तरह ही समय पर भत्तों का भुगतान एरियर्स सहित करने की मांग की है। सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि महाशिवरात्रि एवं होली का त्योहार लाडली बहनें खुशी से मना सकें, इसके लिए मध्यप्रदेश की सरकार 1 करोड़ 29 लाख 77 हजार 199 बहनों को हर माह पैसा दिया जा रहा है। त्योहारों की दृष्टि से 10 तारीख की बजाय 1 मार्च को खाते में डाला जाएगा, लेकिन सेवारत और सेवानिवृत्त 12 लाख कर्मचारियों को 8 माह से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं दिया गया है। जबकि 12 साल से वाहन भत्ता, मकान किराया भत्ता भी नहीं बढ़ाया गया है।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी (umashankar tiwari) ने बताया कि महाशिवरात्रि एवं होली का त्योहार लाडली बहने खुशी से मना सकें, इसे लेकर मध्य प्रदेश सरकार की ओर से 1 करोड़ 29 लाख 77 हजार 199 लाडली बहनों को हर महीने की 10 तारीख को पैसा दिया जाता है, इस बार 1 मार्च को ही उनके खाते में पहुंचा दिया जाएगा। तिवारी ने कहा कि जबकि शासकीय कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त 12 लाख कर्मचारियों को 8 माह से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं दिया गया, जबकि 12 साल से वाहन भत्ता और मकान किराया भत्ता नहीं बढ़ाया जा रहा है। महंगाई के दौर में वेतन भत्ते न बढ़ने से आर्थिक परेशानी का सामना कर्मचारी एवं उसके परिवार को करना पड़ता है।