राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए मध्य क्षेत्र (मध्य प्रांत, मालवा, महाकौशल और छत्तीसगढ़ प्रांत) प्राथमिकता वाला क्षेत्र- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए मध्य क्षेत्र (मध्य प्रांत, मालवा, महाकौशल और छत्तीसगढ़ प्रांत) प्राथमिकता वाला रहा है। इसके क्षेत्र प्रचारक के रूप में बहुमुखी प्रतिभा संपन्न और धीर-गंभीर स्वयंसेवक को तवज्जो दी जाती है। सूत्र बता रहे हैं कि जुलाई में प्रस्तावित प्रांत प्रचारक बैठक में क्षेत्र प्रचारक के रूप में नए चेहरे की ताजपोशी हो सकती है, जिसके लिए अंदरखाने में कवायद चल रही है।
सुहास भगत को दोबारा संघ में बुलाकर क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख का दायित्व दिया -पिछले दिनों प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत को दोबारा संघ में बुलाकर क्षेत्र के बौद्धिक प्रमुख का दायित्व दिया गया है। उनका केंद्र प्रांत महाकौशल का जबलपुर है। सूत्रों का कहना है कि जुलाई में होने वाली प्रांत प्रचारक बैठक में मध्यक्षेत्र की व्यवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है। इस बैठक में सुहास भगत को क्षेत्र प्रचारक का दायित्व मिल सकता है।
मौजूदा क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते को तीन साल से अधिक हुए, उन्हें केंद्रीय व्यवस्था में लाने पर विचार— इस दावे को इसलिए बल मिल रहा है कि मौजूदा क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते को तीन साल से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में उन्हें केंद्रीय व्यवस्था में ले जाया जाएगा। विसपुते का केंद्र यानि जहां रहकर कार्य करना है, उसके लिए कर्नाटक (बेंगलुरु) या राजस्थान (जयपुर) हो सकता है।
भगत को इन बातों का मिलेगा फायदा
वर्ष 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत नौ राज्यों में चुनाव होने हैं। इसी तरह से संघ का शताब्दी वर्ष 2025 में है, जिसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है। ऐसे में मध्य क्षेत्र में कोई ऐसा अनुभवी संगठक चाहिए जिसे पूरे प्रदेश रचना-संरचना मालूम हो। सुहास भगत मध्य क्षेत्र में मौजूदा संघ की व्यवस्था में सबसे वरिष्ठ हैं तो भाजपा में रहते हुए मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में उनका जीवंत संपर्क है। क्षेत्र प्रचारक के लिए अनुभव की दृष्टि से वे सबसे उपयुक्त चेहरा हैं। अगर संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों में संपर्क और पसंद की बात की जाए तो अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी और अखिल भारतीय सह-प्रचारक प्रमुख अरुण जैन की नजदीकी का लाभ भी उन्हें मिलेगा।