दरअसल स्कूल—कॉलेज खुलने के बाद बच्चों से पहली मांग फीस के लिए ही की गई। ऐसे में सरकारी योजनाओं के तहत शिक्षा पा रहे कुछ बच्चों के सामने दिक्कत आ गई। सरकारी योजनाओं की राशि जारी नहीं करने से फीस नहीं भरी जा सकी है. अभिभावकों के मुताबिक कई बार नोटिस आ चुके हैं, यहां तक कि अब यह डर है कि स्कूल कहीं हमारे बच्चों का दाखिला ही निरस्त न कर दें।
Must Read- बेरोजगार घूम रहे काबिल युवा, अफसरों ने भर्ती कर लिए बेटे और रिश्तेदार संबल योजना के तहत इस बार फीस नहीं मिली- संबल योजना के तहत शिक्षा पा रहे विकास विश्वकर्मा को इस बार फीस के रूप में दी जा रही मदद नहीं मिली। इसे लेकर इन्होंने प्रशासन को शिकायत भी की। बाद में पता लगा सत्यापन के दौरान इनका नाम काट दिया गया। ऐसे में अब कॉलेज की फीस इन्हें ही भरना पड़ेगी। इस तरह की स्थिति कुछ और प्रकरणों में है। इस तरह का मामला माइनारिटी स्कालरशिप के दौरान भी आया है।
नाम न आने पर कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन सुनवाई अब तक नहीं हुई– बीते साल जिन बच्चों को स्कालरशिप मिली थी उनमें से कुछ को इस बार ये मदद नहीं मिली। अब अगले साल के लिए फिर फॉर्म जमा हो रहे हैं। अंतिम तारीख 15 दिसम्बर है। यहां भी बच्चों को कई दिक्कतें आ रही हैं। मामले में जानकारों ने बताया कि प्रक्रिया ऑनलाइन है। नाम न आने पर कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन सुनवाई अब तक नहीं हुई। शिक्षा विभाग इस मामले को अल्पसंख्यक विभाग की योजना बताकर पल्ला छाड़ रहा है।