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इस वजह से भरोसे में आए लोग
तेजी से फैल रहे इस संक्रमण से बचने के लिए अकसर लोग अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए रोज़ाना कुछ ना कुछ नया तलाशने में जुट जाते हैं। लोग ऐसा इसलिए भी करते हैं, ताकि वो इस जानलेवा संक्रमण से किसी तरह बचे रहें। इनमें इम्युनिटी को बढ़ाने के फूड्स और ड्रिंक लेने के साथ कई अलग अलग तरह के उपाय जानने के इच्छुक रहते हैं। इंटरनेट पर भी तेजी से बढ़ते सर्च का फायदा उठाकर कई लोग इससे संबंधित सैकड़ों तरीके बताने में जुटे हुए हैं। ऐसे ही अब अकसर लोग कोरोना से बचने के लिए स्टीम थैरेपी के बारे में जान रहे हैं। साथ ही, रुटीन में स्टीम ले भी रहे हैं। इसकी वजह ये विश्वास है कि स्टीम की गर्माहट से कोरोना मर जाएगा।
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हर्ब्स की स्टीम लेने का बढ़ा क्रेज
एक तरफ जहां कुछ लोग केवल सादे पानी की भाप ले रहे हैं तो कुछ लोग विक्स, संतरे और नींबू के छिलके, लहसुन, टी-ट्री ऑइल, अदरक, नीम की पत्तियों जैसी हर्ब्स को पानी में मिलाकर उसकी भाप ले रहे हैं। क्योंकि ये सभी हर्ब्स ऐंटिमाइक्रोबियल होती हैं, इसलिए लोगों को लगता है कि, ये वायरस को खत्म करने में ज्यादा असरदार साबित हो सकते हैं।
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अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
इंटरनेट पर मौजूद जानकारी कई जानकारियों में सलाह दी जा रही है कि, 15 से 20 मिनट तक या जितनी देर ले सकते हैं, उतनी देर स्टीम लें। लोगों में भी इसे लेकर खासा चर्चा की जा रही है। हालांकि, इस संबंध में अब तक किसी आधिकारिक संस्थान की ओर कोई पुष्टि नहीं की गई है। इसमें ना तो Centers for Disease Control and Prevention (CDC) और ना ही World Health Organization (WHO) ने स्टीम थैरेपी को कोरोना मारने या संक्रमण से बचने का इलाज बताया है।
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डॉक्टर भी देते हैं सलाह, पर इसलिए
सामान्य तौर पर सर्दी-जुकाम होने पर चिकित्सक भाप लेने की सलाह देते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्टीम हमारी नाक और गले में जाकर वहां जमा म्यूकस (जिससे कफ बनता है) को पतला करती है। इससे हमें सांस लेने में होने वाली तकलीफ से राहत मिलती है। जुकाम के वक्त भाप लेने से इसलिए राहत मिलती है क्योंकि ठीक प्रकार से सांस ना ले पाने के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन उतनी मात्रा घट जाती है। इस कारण शरीर में भारीपन और ऊर्जा की कमी होने लगती है। जबकि, भाप लेने का बाद श्वांस की नलियां खुल जाती है और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में शरीर में जाने लगता है। हालांकि, ये राहत कुछ ही देर के लिए मिलती है।
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अधिक भाप लेने से फायदे की जगह हो सकता है नुकसान
कोरोना वायरस अधिक तापमान में मर जाता है, इस विश्वास के कारण लोग बहुत तेज तापमान पर और बहुत देर तक भाप ले रहे हैं। कई लोग तो दिन में 2-3 बार भाप ले रहे हैं, जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। खासतौर पर हमारे फेफड़ों के लिए। क्योंकि हमारे लंग्स शरीर में किसी गुब्बारे की तरह रिऐक्ट करते हैं, जो सांस लेने पर फूल जाते हैं और छोड़ने पर सिकुड़ जाते हैं। ये सॉफ्ट टिश्यू से बने होते हैं।
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चेहरे और गले की बढ़ सकती है मुश्किल
अधिक तापमान पर भाप लेने से हमारे चेहरे की त्वचा झुलसने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, हमारे गले में अंदर की त्वचा के टिश्यूज भी जल हो सकते हैं, जिसके चलते गले में सूजन हो सकती है। इससे खाना खाने और सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर सकता है। यानी जिस उद्देश्य के लिए हम भाप ले रहे थे, उसका उल्टा असर होने का खतरा ज्यादा है।