बताया जा रहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत रिसायकिल वेस्ट से ये प्रतिमा बनाई गई थी। इसकी स्थापना से निगम रिसायकिल वेस्ट के उपयोग को बताना चाह रहा था। निगम अफसरों का कहना है कि इसे रात को यहां ट्रायल बेस पर ही लगाया था। जब आपत्ति आई तो हटा ली गई। इस तरह की शहरभर में सौंदर्यीकरण के तहत 20 से 25 स्थानों पर प्रतिमाएं लगाने की योजना है। निगम आयुक्त दत्ता को इस प्रतिमा स्थापना के लिए बनाएं स्टैंड की डिजाइन भी ठीक नहीं लगी। निगम द्वारा प्रतिमा हटवाने के बाद फिलहाल विवाद थम गया है।
गौरतलब है कि नानके पेट्रोल पंप के पास रखी गई पूर्वमुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा पहले ही विवादों में है। जिसे लेकर हाईकोर्ट में प्रकरण चल रहा है। यहां शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा हटाने को लेकर विवाद चल रहा है। यहां आजाद के वंशज अमित आजाद भी घरने पर बैठ चुके हैं।
नगर निगम ने यहां ट्रायल बेस पर प्रतिमा स्थापित की थी। ये शो-पीस की तरह थी, किसी धातु की नहीं थी। इसे लगाने के बाद जब सुबह देखा गया तो ठीक नहीं लगा, इसलिए इसे हटवा लिया गया। अब शहर में कई जगह पर सौंदर्यीकरण के तहत इस तरह की स्टेच्यू लगवाएंगे, लेकिन उसके लिए उचित प्रक्रिया की जाएगी। अभी सिर्फ ट्रायल किया जा रहा था।
– विजय दत्ता, नगर निगम आयुक्त