योजना के अनुसार किसानों को उनकी जमीन के बदले विकसित प्लाट और जमीन के कुल मूल्य की 20 प्रतिशत राशि दी जाएगी। जो कि कलेक्टर गाइड लाइन से दोगुनी होगी। लैंड पुलिंग योजना को मंजूरी मिलते ही इंदौर एकेवीएन ने 1000 एकड़ जमीन किसानों से लेने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसके तहत अब तक किसानों से 500 एकड़ जमीन की सहमति मिल चुकी है।
इस इंडस्ट्रीयल टाउनशिप में 65 प्रतिशत प्लॉट इंडस्ट्री के लिए विकसित किए जाना प्रस्तावित है। शेष ३५ फीसदी प्लॉट आवासीय और व्यावसायिक होंगे। इनमें किसानों की जमीन के बदले में आवासीय प्लाट दिए जाएंगे, वहीं एकेवीएन व्यावसायिक प्लॉट खुद रखेगा। इनमें शॉपिंग कॉम्पलेक्स, मॉल, मल्टीप्लेक्स ऑफिस सहित अन्य निर्माण हो सकेगा। वर्तमान में पीथमपुर इंडस्ट्रीयल एरिया 5000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। एकेवीएन इंदौर ने अगले 30 सालों को ध्यान में रखते हुए १२ हजार हेक्टेयर का मास्टर प्लान बनाया है। इसमें चरण वार इंडस्ट्रीयल टाउनशिप डेवलप की जाएंगी।
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इसलिए बनाई जा रही टाउनशिप
वर्तमान नियमों के अनुसार इंडस्ट्रीयल एरिया में सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां संचालित करने का प्रावधान है। इससे वहां दुकान, शो रूम सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियां नहीं संचालित की जा सकती हैं। वहां आवसीय कालोनियों के लिए भी जमीन भी उद्योग विभाग आरक्षित नहीं करता है। औद्योगिक क्षेत्र में अगर कोई व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। नए नियम लागू होने से अब इस तरह के प्रतिबंध समाप्त हो गए हैं। सरकार नई इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनाकर निवेशकों को बेहतर
स्कूल, अस्पताल के लिए जमीन आरक्षित करना अनिवार्य
इस क्षेत्र में स्कूल और अस्पताल के लिए जमीन आरक्षित करना अनिवार्य होगा। इसे बनाने के लिए पहले निजी निवेशकों को आफर दिया जाएगा। अगर वे नहीं निवेशक रुचि नहीं लेंगे तो सरकार वहां खुद अस्पताल और स्कूल बनाएगी।
संचालित करने बनेगी समिति
टाउनशिप और शापिंग काम्प्लेक्स को संचालित करने के लिए समिति बनाई जाएगी। यह समिति वहां विभिन्न तरह की सुविधाएं देने के साथ ही यहां टैक्स वसूलने का भी काम करेंगी। समिति में एमपीएसआईडीसी, टीएनसीपी और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अधिकारी सदस्य होंगे।
यह होगा फायदा
– इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनने से निवेशक आकर्षित होंगे। इंडस्ट्री मे काम करने वालेकर्मचारियों को पास में आवास और बाजार दोनों मिलेंगे। वर्तमान में कई बड़े औद्योगिक इकाइयों के पास खुद की आवासी कालोनी नहीं होने के कारण वहां कर्मचारियों को औद्योगिक क्षेत्र से दूर शहरों में आवास लेकर रहना पड़ता है। इससे उनके आने-जाने में लंबा समय बर्बाद होता है।
– इंडस्ट्रीयल टाउनशिप बनने से रोजगार के अवसर बढेंगे।
– किसानों को अपनी जमीन के बदले में विकसित प्लाट मिलने से वे उन्हें अच्छी दरों पर बेच सकेंगे।
यह प्रदेश की पहल
सरकार उद्योगों को बेहतर सुविधा और लोगों को रोजगार देने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों के आस-पास भूमि पर पीपीपी मॉडल पर शापिंग काम्प्लेक्स और टाउशिप तैयार करेगी। इसके लिए सरकार ने मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन लैंड पूलिंग योजना 2019 लांच की है, इसमें किसानों की जमीन पर शापिंग काम्प्लेक्स और टाउनशिप तैयार किया जाएगा। यहां पर किसान खुद होटल, शोरूम, दुकान और शापिंग मॉल, टाकीज बना सकेंगे। लैंड पूलिंग योजना में किसानों को एक समूह बनाना पड़ेगा। इस समूह और मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डवलमेंट कारपोरेशन (एमपीआईडीसी) के बीच में शापिंग काम्प्लेक्स और टाउशिप के संबंध के बीच करार किया जाएगा।
इसके लिए सरकार ने लैंड पुलिंग योजना लांच की है। इसमें औद्योगिक इकायों के आस-पास यह योजना लांच की जाएगी। योजना में जिन किसानों की जमीनों को की जमीन को शामिल किया जाएगा उनसे एमपीआईसीसी योजना लांच करने के संबंध में सहमति पत्र लेगा। सौ प्रतिशत सहमति पत्र मिलने के बाद ही योजना की शुरूआत की जाएगी। भू-खंड को विकसित करने, वहां सड़क पानी, बिजली, और काम्प्लेक्ट तैयार करने का काम पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। सरकार इसकी शुरूआत पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र से करने जा रही है।