इससे पहले यह योग 1 नवंबर 1959 को बने थे । इस बार खास बात यह भी है कि जब बुधवार को दीपावली आती है तो ये बहुत ज्यादा शुभ फल प्रदान करने वाली मानी जाती है। ये योग व्यापार शुरू करने के लिए बहुत शुभ रहता है।
माना जाता है ऐसे में व्यापार में लगातार उन्नति के योग बनते हैं। वहीं शुक्र के मालव्य योग में शुरू किए गए काम ऐश्वर्य, धन और सुख प्रदान करते हैं।
पंडित प्रमोद पांडे बताते हैं कि दीपावली पर सुबह महाकाली की पूजा करनी चाहिए। दोपहर में पितरों का पूजन और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। शाम गणेशजी, महालक्ष्मी और कुबेरदेव की पूजा और इसके बाद हनुमानजी की पूजा करें।
इसके अलावा मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दीपावली के दूसरे दिन आठ नवम्बर को अन्नकूट महोत्सव का आयोजन छोला दशहरा मैदान पर किया जाएगा। इसके लिए गोबर और मिट्टी से 15 फीट ऊंची प्रतिमा तैयार की गई है। पूजा से पहले शोभा यात्रा निकाली जाएगी।